सिलाव (नालंदा) : मां कभी भी बच्चों को भूखा नहीं देख सकती है, फिर चाहे वो बच्चा अपना हो या पराया. जिस तरह मनुष्य को मनुष्य का बच्चा प्यारा लगता है, ठीक उसी तरह जानवर को भी दूसरों जानवरों के बच्चे प्यारे लगते हैं.
इसका ताजा उदाहरण सिलाव प्रखंड के महुरी पंचायत के भगवानपुर गांव में देखने को मिल रहा है, जहां के निवासी रामचंद्र यादव के यहां एक बकरी भैंस के बच्चे को अपना दूध पिला कर पाल रही है. यह देख लोग अचंभित हैं. रामचंद्र यादव ने बताया कि मेरे भैंस ने एक बच्चा दिया.
बच्चा देने के दूसरे दिन भैंस को बाहर और बच्चे को घर के भीतर बांध दिया. वहीं पर मेरी बकरी भी बंधी थी. हमलोग सभी परिवार बगल के खेत में काम करने गये थे. भैंस के बच्चे को भूख लग गयी. हमलोग को इसक ध्यान नहीं रहा वह उछल–कुद करने लगा. वहीं पर बैठी बकरी को शायद भैंस के बच्चे के भूख का एहसास हो गया.
बकरी ने अपनी एक पैर उठा ली और भैंस के बच्चे को दूध पिला रही थी. हमलोग जब दूध पिलाते देखे, तो अचंभित हो गये.
जब से प्रतिदिन बकरी भैंस के बच्चे को दूध पिलाती है. रामचंद्र यादव ने बताया कि मेरी बकरी एक किलो से ऊपर दूध देती है. जब से भैंस का बच्चा दूध पीने लगा, तो हमलोग दूध दुहना बंद कर दिये. इस बकरी का चर्चा पूरे प्रखंड में हो रही है. यह दृश्य देखने के लिए लोग दूर–दूर से आ रहे हैं.