आरा : हिंदी फिल्मों में काम करने के बावजूद भी भोजपुरी के प्रति इतना प्यार और कौन दिखा सकता है. आज थोड़ी सी शोहरत प्राप्त होने के बावजूद कई ऐसे कलाकार है जो आम लोगों से दूर होते जा रहे है. सिर्फ दिखावे के लिए वे अपनों को लोगों के करीब होने का दावा करते है. इससे अलग हिंदी फिल्म अभिनेता सत्यकाम आनंद आज युवाओं में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए है. आरा तो इनका घर ही है. आरा के अलावे झारखंड के कई जिलों एवं छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश में भी इनकी एक अलग पहचान है. भोजपुरी के प्रति इनका अपनत्व ही है कि वे अपनी संस्कृति को बचाने के लिए मुहिम छेड़ चुके है. अभियान चला कर भोजपुरी में अश्लीलता के खिलाफ आवाज बुलंद कर आम लोगों को जागरूक कर रहे है. होली के पूर्व घर आये अभिनेता सत्यकाम ने ऐसा मुहिम चलाया कि ईल गानों पर काफी रोक लग गयी.
वॉलीबुड में भी भोजपुरी को एक अलग नजर देखा जाता है. जो हमसे बर्दाश्त नहीं हुआ. इसके खिलाफ कुछ करने के लिए हमने अंबा का गठन कर मुहिम छेड़ा है. उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक आंदोलन के तहत भोजपुरी से ईलता को पूर्णत: समाप्त किया जायेगा. इसमें साहित्यकार, बुद्धिजीवी सहित अन्य लोगों को जोड़ा जायेगा. उनहोंने कहा कि भोजपुरी संस्कृति में मिठास है. इसमें कोई दो र ाय नहीं. सिनेमा समाज का दर्पण होता है. लेकिन ऐसा कदापि स्वीकार नहीं होगा कि लोग भोजपुरी में ईलता को परोसे और हम सहन करे. बतादे कि अभिनेता सत्यकाम आनंद ने गैंग्स ऑफ वासेपुर, मिसेज स्कूटर, माया टेप, मसान सहित कई फिल्मों में अभिनय किया है. अभी अप्रैल अंतिम सप्ताह में इनकी फिल्म मिसेज स्कूटर रिलिज होने वाली है.