अपराधियों के पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल सिम व एक बाइक बरामद
कोर्ट परिसर को दहलाने लंबू शर्मा तथा अखिलेश उपाध्याय को भगाने के लिए प्रयुक्त किये गये बम का निर्माण आरा में ही किया गया था. इसकी मॉनेटरिंग जेल में बंद लंबू शर्मा ने मोबाइल के जरिये खुद की थी. इसका खुलासा लंबू शर्मा के करीब रहे दो साथी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कडारी गांव निवासी कमलेश शर्मा के पुत्र अंशु कुमार तथा नवादा थाना क्षेत्र के पावर गंज निवासी लाल बाबू यादव के पुत्र रिंकू यादव की गिरफ्तारी के बाद हुई.
घटना में प्रयुक्त मोबाइल सीम तथा एक बाइक को भी बरामद किया गया है. पूछताछ के दौरान पकड़े गये अपराधियों ने बताया कि घटना के तीन दिन पहले महिला के साथ चौरसिया गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे, जहां से प्लानिंग कर महिला को बम का बैग देकर कोर्ट परिसर भेजा गया था.
आरा : भोजपुर पुलिस को उस वक्त एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी, जब बम बलास्ट के मामले में लंबू शर्मा के करीबी रहे अंशु कुमार तथा रिंकू कुमार यादव को पार्क भ्यू होटल के समीप से पुलिस ने धर दबोचा. इसके बाद कोर्ट परिसर में हुए बम बलास्ट का मामला परत दर परत खुलने लगा.
पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि आरा में ही बस बनाने की सामग्री ला कर बम बनायी गयी थी. इसके बाद महिला के द्वारा कोर्ट हाजत कर बम को पहुंचाया गया था. वहीं घटना से पूर्व चौरसिया रेस्ट हाउस में महिला और पकड़े गये दोनों युवक तीन दिन साथ रहे थे, जहां से पूरी मॉनेटरिंग की गयी थी, जिसकी पुष्टि चौरसिया रेस्ट हाउस के रजिस्टर से हुई. इसे लेकर पुलिस अधीक्षक ने प्रेसवार्ता की. एसपी ने बताया कि अब तक के अनुसंधान से यही बात सामने आयी है कि लंबू शर्मा को भगाने के उद्देश्य से ही कोर्ट परिसर में बम बलास्ट कराया गया था.
इसके लिए पूरी तैयारी की गयी थी, जिसके बाद लंबू शर्मा के कहने पर आरा में आयी महिला पकड़े गये युवकों से मिली थी. घटना की सारी रूप रेखा तैयार कर 23 जनवरी को लंबू शर्मा को भगाने के लिए कोर्ट परिसर में बालस्ट किया गया था. एसपी ने बताया कि घटना से पूर्व लगातार महिला इन लोगों के संपर्क में थी और मोबाइल के जरिये लगातार बात कर रही थी. पकड़े अपराधियों के पास से घटना में प्रयुक्त दो सीम का मोबाइल, एयरटेल का एक सीम तथा बजाज की सीटी 100 बाइक बरामद की गयी है.
अखिलेश उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद मिले थे पुलिस को कई साक्ष्य : बम बलास्ट के मामले में अखिलेश उपाध्याय की गिरफ्तारी पुलिस अहम कड़ी साबित हुई. पकड़े गये अखिलेश को जब पुलिस ने रिमांड पर लिया, तो उसने पुलिस को बम बलास्ट के मामले में कई अहम सुराग दिये, जिसके बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई.
पूछताछ के लिए लिये जायेंगे रिमांड पर : पकड़े गये दोनों जेल भेज दिया गया. लंबू शर्मा के बारे में पूछताछ करने को लेकर जल्द ही पुलिस अंशु कुमार तथा रिंकू यादव को रिमांड पर ले सकती है. रिमांड पर लिये जाने के बाद कई अहम जानकारियां लंबू शर्मा के बारे में मिल पायेगी.
पुरस्कृत किये जायेंगे टीम के सभी पुलिस अधिकारी
पुलिस अधीक्षक नवीनचंद्र झा ने बताया कि इनकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगी हुई थी. जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को मिली. सदर एसडीपीओ विनोद कुमार रावत के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया, जिसके बाद पार्क भ्यू के समीप छापेमारी की गयी, जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि टीम में सत्येंद्र कुमार साही, नलीन कुमार मिश्र, शिव कुमार साह, संजय कुमार गुप्ता, संतोष कुमार को रखा गया. सभी को पुरस्कृत करने के लिए मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जायेगी.
रिंकू यादव का रहा है आपराधिक इतिहास
रिंकू यादव का आपराधिक इतिहास रहा है. घटना के बाद पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया था, लेकिन साक्ष्य न होने के कारण उसे छोड़ दिया गया था. जैसे ही महिला के पास से बरामद मोबाइल का सीडीआर निकाला गया, तो कई ऐसे संदिग्ध नंबर मिले, जिनकी पुलिस ने जांच की तो इसका संपर्क रिंकू यादव के पास से बरामद मोबाइल और सीम से मिला. इसके पूर्व रिंकू यादव जगदीशपुर में ट्रैक्टर लूट के मामले में लंबू शर्मा के साथ गिरफ्तार किया गया था.
अंशु के आपराधिक इतिहास को खंगाल रही पुलिस
अंशु कुमार के आपराधिक इतिहास को पुलिस खंगाल रही है. अंशु लंबू शर्मा का रिश्तेदार है और लंबू के परिवार विस्फोटक सामग्री बनाने के कला में माहिर है. बम का निर्माण अंशु ने किया है. साथ ही पुलिस इसके आपराधिक इतिहास को खंगालने में जूट हुई है.
लंबू शर्मा पर 50 हजार इनाम है घोषित
कोर्ट परिसर में बलास्ट के बाद लंबू शर्मा फरार हो गया था, जिसकी गिरफ्तारी को लेकर डीजीपी मुख्यालय से 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है. पुलिस लंबू शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर लगी हुई है. जल्द ही लंबू शर्मा भी पुलिस के पकड़ में होगा. वहीं बरामद बाइक की भी जांच पुलिस कर रही है.