भोजपुर ने प्रदेश में 17 वां स्थान पाया
आरा: भोजपुर ने आरटीपीएस ऑफ लाइन के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों के 98.57 प्रतिशत निष्पादन कर प्रदेश में 17 वें स्थान प्राप्त किया है. जिले में ऑफ लाइन के तहत अब तक कुल प्राप्त 13 लाख 22 हजार 282 आवेदन पत्रों के विरुद्ध 13 लाख 379 आवेदन पत्रों का निष्पादन किया गया है. इधर आरटीपीएस के जिला नोडल पदाधिकारी सह वरीय उपसमाहर्ता इशतेयाक अजमल ने बताया कि जिले में जाति प्रमाणपत्र को लेकर ऑफ लाइन के तहत 3 लाख 38 हजार 269 प्राप्त आवेदन के विरुद्ध 3 लाख 34 हजार 679 आवेदन पत्रों का निष्पादन किया गया है. वहीं आय प्रमाणपत्र को लेकर प्राप्त 2 लाख 29 हजार 184 आवेदन पत्र के विरूद्ध 2 लाख 26 हजार 366 आवेदन पत्रों का निस्तार किया गया है. आवासीय प्रमाणपत्र लेकर प्राप्त 5 लाख 75 हजार 857 आवेदन पत्रों के विरुद्ध 5 लाख 71 हजार 273 आवेदन पत्रों का निस्तार किया गया है. इसी प्रकार पेंशन को लेकर प्राप्त 72 हजार 503 आवेदनों के विरुद्ध 67 हजार 831 आवेदनों का निबटारा किया गया है. दाखिल- खारिज को लेकर प्राप्त 73 हजार 671 आवेदन के विरुद्ध 70 हजार 647 आवेदनों का निष्पादन किया गया है. भूमि स्वामित्मव प्रमाण पत्र को लेकर प्राप्त 32 हजार 798 आवेदन के विरुद्ध 32 हजार 583 आवेदन पत्रों का निबटारा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि आरा अनुमंडल स्तर पर जाति प्रमाणपत्रों को लेकर प्राप्त 23 हजार 357 आवेदन पत्रों के विरुद्ध 23 हजार 23 आवेदनों का निबटारा किया गया है. आय प्रमाणपत्र को लेकर प्राप्त 3406 आवेदनों के विरूद्ध 3331 मामलों का निष्पादन किया गया है. आवासीय प्रमाणपत्र को लेकर प्राप्त 26 हजार 762 के विरूद्ध 26 हजार 415 मामलों का निबटारा किया गया है. वहीं जगदीशपुर अनुमंडल स्तर पर जाति प्रमाणपत्र को लेकर प्राप्त 10 हजार 93 के विरूद्ध 10 हजार 84 मामलों का निष्पादन किया गया है. आय प्रमाणपत्र को लेकर प्राप्त 667 मामलों के विरूद्ध 660 मामलों का निष्पादन किया गया है.
दूसरी तरफ आवासीय प्रमाणपत्र को लेकर प्राप्त 10 हजार 270 मामलों के विरूद्ध 10 हजार 266 मामलों का निष्पादन किया गया है जबकि पीरो अनुमंडल स्तर पर जाति प्रमाणपत्र को लेकर 8769 मामलों के विरूद्ध 8765 मामलों का निबटारा कर दिया गया है. इधर आय प्रमाणपत्र को लेकर प्राप्त 201 मामलों के विरुद्ध 201 मामलों का निष्पादन कर दिया गया है.अगर आवासीय प्रमाणपत्र की बात करें तो प्राप्त 8793 मामलों के विरूद्ध 8786 मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. बावजूद इसके प्रशासन लोक सेवाओं का अधिकार कानून के तहत शत -प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत है.