एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में जुटी
आरा: बाढ़ से नेकनाम टोला के सैकड़ों निवासी कराह कर गंगा मइया से विनती करने लगे हैं कि अब तो रहम करो. दूर से टापू -सा दिखने वाला नेकनाम टोला गांव की स्थिति बेहद खराब है. स्थिति भयावह होते देख भोजपुर के जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल ने नेकनाम टोला को हाइअलर्ट घोषित करते हुए तत्काल गांव को खाली करने का आदेश दिया. लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की पूरी टीम तत्परता के साथ लगी हुई है. बड़हरा प्रखंड के सैकड़ों गांव जलमग्न होने के कगार पर है. यही स्थिति कोईलवर एवं शाहपुर प्रखंड के कई गांवों की है. इंद्रपुरी बराज से एक लाख 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण भोजपुर का उतरी इलाका डूबने के कगार पर है. बड़हरा के ख्वासपुर की स्थिति और भी भयावह है. लोगों को खाने-पीने के लिए भी प्रशासनिक बोट का इंतजार रहता है. कितने ही मवेशी बाढ़ में बह गये हैं. बचे मवेशी चारा के लिए तरस रहे हैं.
सात गांवों में हाइ अलर्ट
नेकनाम टोला के सातों गांवों को खाली करने का आदेश मिलने के बाद भी कई लोग गांव छोड़ने को राजी नहीं हैं. आरा-बक्सर मुख्य मार्ग पर गंगा की लहरों की धार तेजी से हिलकोर मार रही है. सड़कों पर वाहनों का चलना लगातार कम हो गया है. बाढ़ में फंसे लोगों के लिए आवागमन का बचा रास्ता सिर्फ नाव ही रह गया है. कई गांवों में नाव नहीं पहुंच पाने के कारण लोग फंसे हुए है. अपने घरों के सबसे ऊंचे छोर पर पहुंच किसी तरह भोजन कर जीवनयापन कर रहे हैं.
मरीजों का हाल बुरा
बाढ़ में फंसे कई गांवांंे के बीमार लोगों की स्थिति बेहद खराब है. बाढ़ के पानी में लगातार वृद्धि होने के कारण सड़क मार्ग से संपर्क टूट चुका है. मरीजों की देखभाल के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्र एवं उपकेंद्रों पर गठित टीमों के पास लाने एवं पहुंचने का एक मात्र जरिया नाव ही बचा है. ऐसी परिस्थिति में यदि किसी मरीज का गंभीर इलाज करना हो तो प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती होगी. मरीज व उनके परिजन पर आफल अलग.
मुखिया संघ के अध्यक्ष पहुंचे
महुली एवं डुमरा पंचायत सहित कई पंचायतों में आयी भीषण बाढ़ से आवागमन का रास्ता पूरी तरह बंद हो चुका है. इन पंचायतों में छाती के ऊपर से पानी बहने के कारण लोगों के पास खाने-पीने की सामग्री पहुंचाने को लेकर मुखिया संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह एवं मुखिया प्रतिनिधि फागु सिंह एवं पुतुल सिंह नाव लाने सहार एवं कोईलवर गये, जहां के नाव मालिकों ने भारी रकम अदा करने पर ही नाव उपलब्ध कराने की बात कही.
प्रशासन ने बांटी राहत सामग्री
बाढ़ क्षेत्र में फंसे कई गांव के ग्रामीणों के बीच प्रशासन ने प्रत्येक व्यक्ति को 50 केजी गेहंू, 50 केजी चावल एवं 1500-1500 रुपये नगद राशि वितरित की.
राहत सामग्री की मांग
बिहार प्रदेश जदयू के महासचिव सुरेंद्र सिंह ने बड़हरा विधानसभा क्षेत्र के बाढ़पीडि़त गांवों का दौरा कर बाढ़ पीडि़तों की व्यथा जानी. राहत सामग्री नहीं पहुंचाये जाने पर दु:ख व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन से तत्काल राहत सामग्री की व्यवस्था करने की मांग की. उन्होंने फैक्स के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सूचना दे तत्काल सभी गांवों में नाव उपलब्ध कराने की मांग की. उनके साथ डॉ हीरा जी राय, विजय सिंह, रिंकू सिंह थे. वहीं समाजसेवी विजय समदर्शी ने जिला प्रशासन से बाढ़ में फंसे लोगों के बीच राहत कार्य में तेजी लाने की अपील की. वहीं छात्र राजद के द्वारा महाराजा कॉलेज अध्यक्ष भीम कुमार के नेतृत्व में मुफस्सिल के खजुरिया एवं गंगहर पंचायत के कई बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया. इन नेताओं ने वहां खाद्य सामग्री एवं नाव की व्यवस्था नहीं होने पर आक्रोश व्यक्त किया. उनके साथ पूर्व जिला पार्षद सुनीता गौतम, शंभू यादव, भैरो पासवन, हल्ला पांडेय, सियाराम पासवान, टुनटुन यादव, बसंत कुमार, सुनील राम, मुन्ना राम सहित कई थे. वहीं पिरौटा पंचायत के मुखिया विजय सिंह ने कहा कि बार-बार प्रशासन से नाव एवं राहत सामग्री मांगने के बावजूद अभी तक गांव के लोगों को कोई सुविधा नहीं दी गयी है.इसके कारण गांव के लोग बेहद परेशान है. दूसरी ओर कोईलवर प्रखंड के ज्ञानपुर गांव के प्रत्येक घर में बाढ़ के पानी के साथ बुधवार को हो रही लगातार बारिश ने अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया. घरों में कमर भर पानी घुस गया है. शशि महतो ने प्रशासन से तत्काल नाव की व्यवस्था एवं राहत सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की.