आरा-बक्सर एनएच 84 पर बह रहा तीन फुट पानी
खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हैं ग्रामीण
बिहिया: जल स्तर में हुई भारी वृद्धि से आरा-बक्सर हाइवे सहित कई जगह बाढ़ के पानी में डूबा है, जिससे इन मार्गों पर यातायात परिचालन ठप हो गया है़ एक-दो जगहों पर तीन से चार फुट तक पानी चढ़ चुका है़ आरा-बक्सर एनएच 84 पर बिहिया प्रखंड के दोघरा गांव के समीप लगभग दो फुट पानी व गजराजगंज ओपी क्षेत्र के छोटकी सासाराम के समीप लगभग तीन से चार फुट पानी, कारीसाथ के समीप व खरौनी गांव के शिवमंदिर के समीप भी बाढ़ का पानी सड़क पर चढ़ गया है़ जल स्तर में वृद्धि से सड़क का कटाव भी शुरू हो गया है़ सड़क पर चढ़ चुके पानी को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क हो चुका है़ प्रशासन द्वारा गुरुवार को बक्सर की ओर से आनेवाले वाहनों को बिहिया चौरास्ता पर रोक कर उसे बिहिया-जगदीशपुर मार्ग होकर आरा-पटना जाने के लिए जाने के लिए मोड़ दिया गया ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो सके़
बाढ़ का कहर जारी
बिहिया व शाहपुर प्रखंड के दर्जनों गांव 20 दिनों से बाढ़ के पानी से घिरे पड़े हैं़ आलम यह है पिछले दो-तीन दिनों के दौरान जल स्तर में अचानक वृद्धि से लोगों के घरों में भी पानी घुसने की नौबत आ चुकी है़ बिहिया चौरास्ता-गौरा पथ पर संडौर गांव से शुरू बाढ़ का कहर लोगों की नींद पूरी तरह से हराम कर आर्थिक रूप से लोगों की कमर तोड़ चुका है़ इस पथ से जुड़े चंदा केवटिया, उमरावगंज, करजा, चारघाट, राजपुर, गौरा, बहोरनपुर, लक्षुटोला, पहरपुर, जवइनिया और चमरपुर गांव के अलावा बुलाकी टोला, मखदूमपुर, रामपुर, बिलौना, दुबौली, अमराई, मोतीरामपुर, नारायणपुर, मिश्रौली, भोजाचक, बारा, बासदेवपुर, भेडि़या समेत कई गांव गत 20 दिनों से बाढ़ के पानी से बुरी तरह से घिर चुके हैं़ बाढ़ की विभीषिका को देख कर कई ग्रामीणों का कहना है कि 2003 के बाद ऐसी बाढ़ क्षेत्र में आयी है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है़ छत, ऊची जगहों व रिश्तेदारों के यहां शरण लिये ग्रामीण खानाबदोश जिंदगी जीने को मजबूर हो चुके हैं़
आतंकित हैं ग्रामीण
एक तरफ बाढ़ के बढ़ते पानी से लोग त्रस्त हैं, तो दूसरी तरफ जगह-जगह निकलते सांप-बिच्छुओं के कारण लोग आतंकित हो चुके हैं़ मिश्रौली निवासी पवन मिश्रा का कहना है कि घरों के आसपास लगे पेड़ों, बगीचों व घरों में जहरीले सांप-बिच्छुओं का निकलना लगातार जारी है, जिससे सोना-बैठना भी मुहाल हो गया है़