छपरा (सदर) : सारण जिला पर्षद की सामान्य बैठक शनिवार को समाहरणालय के सभागार में पार्षदों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच संपन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला पर्षद के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद राय ने सदस्यों द्वारा उठाये गये विभिन्न मामलों के संबंध में जवाब दिया. बैठक के दौरान जिला पर्षद गत बैठक की संपुष्टि के साथ-साथ जिला पर्षद अध्यक्ष ने सभी 29 विभागों के प्रगति प्रतिवेदन को प्रस्तुत किया. वहीं, जिला पर्षद के वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए 69 लाख 50 हजार 857 रुपये के घाटे का बजट पेश किया गया.
जिला पर्षद कर्मियों के वेतन भत्ता/सेवांत लाभ आदि पर होने वाले व्यय की पूर्ण राशि एवं जिला पर्षद से व्यय होने वाले कुल स्थापना खर्च का आवंटन तथा परिषदीय भवनों के रख-रखाव पर होने वाले खर्च सरकार से प्राप्त नहीं होना ही घाटे के बजट का कारण बताया गया.
आय का प्रस्ताव पारित
बैठक के दौरान सदस्यों ने जिला पर्षद की आय बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय करने का निर्णय लिया गया. इसके तहत जिला पर्षद के पथों एवं पुलियों के निर्माण, मरम्मती, डाक बंगला भवन के निरीक्षण, रख-रखाव, डाकबंगला के सामने प्रथम तल्ला पर जिप की 31 दुकानों के निर्माण, जिला पर्षद कार्यालय की उत्तरी छोड़ पर पांच दुकानों के निर्माण, बनियापुर निरीक्षण भवन के पीछे 12 दुकानों के निर्माण, एकमा निरीक्षण भवन की पूर्वी छोड़ पर 10 दुकानों के निर्माण तथा परसा स्थित जिला पर्षद निरीक्षण भवन की खाली जमीन में 10 दुकानों के निर्माण को सहमति दी गयी.
राशि व्यय पर चर्चा
जिला पर्षद को 13वें वित्त आयोग, चतुर्थ वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली राशि, उनके व्यय, संविदा कर्मियों के मानदेय विस्तार, जिला पर्षद के डाकबंगला भवन के किराया के बकाया का भुगतान आदि पर भी चर्चा हुई.
राहत की उठी मांग
जिला पर्षद की बैठक के दौरान विभिन्न सदस्यों ने जिले में आयी बाढ़ व सुखाड़ के दौरान पीडि़त लोगों को पर्याप्त राहत दिलाने व किसानों को डीजल अनुदान व कृषि अनुदान योजनाओं का भरपूर लाभ देने की मांग उठी. बैठक के दौरान विजय प्रताप सिंह चुन्नू, राजेंद्र सिंह, विजय नारायण सिंह, मढ़ौरा की जिला पार्षद अनिता नवीन, बच्चा प्रसाद वीरु, शमीम अहमद आदि ने जिले में भीषण सुखाड़ के मद्देनजर किसानों को डीजल सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता लाने व बाढ़ पीडि़तों को भरपूर राहत सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की.
बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने कृषि विभाग द्वारा कृषि अनुदान योजनाओं में अनियमितता की भी चर्चा करते हुए विभागीय पदाधिकारियों पर आरोप लगाया.