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आठ लाख कीआबादी पानी से घिरी

कई गांवों के लोगों के पास अब भी नहीं पहुंचा है भोजन आरा . प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका झेल रहे भोजपुर के कई प्रखंडों के लगभग आठ लाख लोग अब भी चारों ओर पानी से घिरे हैं. प्रतिदिन स्थिति इतनी भयावह हो रही है कि लोगों का पलायन ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार जारी है. शाहपुर […]

कई गांवों के लोगों के पास अब भी नहीं पहुंचा है भोजन

आरा . प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका झेल रहे भोजपुर के कई प्रखंडों के लगभग आठ लाख लोग अब भी चारों ओर पानी से घिरे हैं. प्रतिदिन स्थिति इतनी भयावह हो रही है कि लोगों का पलायन ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार जारी है. शाहपुर के लालू डेरा के समीप ब्रह्म स्थान, दामोदरपुर एवं जवइनियां के समीप बक्सर- कोईलवर तटबंध से लगातार रिसाव हो रहा है. खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक द्वारा शुक्रवार को जिला प्रशासन को दिये गये बांध मरम्मत के आदेश के बाद भी उस पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगाया जा सका. बांध से हो रहे रिसाव के कारण गांव के गांव डूबने के कगार पर खड़े हैं. शाहपुर के सहजौली, बहोरनपुर, जवईिनयां, भरौली सहित कई स्थानों पर प्रशासन लंगर चला कर बाढ़पीडि़तों को भोजन करा रहा है. नावों की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण शाहपुर, बड़हरा, कोईलवर एवं उदवंतनगर प्रखंड के चार सौ से ज्यादा गांवों में लाखों आबादी अभी भी गांव में ही फंसी हुई है. इनमें से कई गांव के लोगों तक अभी भी भोजन भी नहीं पहुंच पाया है. मवेशियों की स्थिति बदतर है. प्रशासनिक स्तर पर उपलब्ध कराये गये चारा, हजारों मवेशियों के साथ मवेशियों के पास नहीं पहंुच पा रहे हैं. इसकी वजह से कई मवेशी काल के गाल में भी समा गये हैं. अपने बचाव में लगे लोग मवेशियों को भगवान भरोसे छोड़ कर सूखे स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं.

रिश्तेदार व सड़क ही सहारा

शहर के निचले हिस्से में मझौआ, सिंगही, डुमरा, रामापुर सनदिया, मीरगंज, ज्ञानपुर, गौस गंज, तरी, चंदवा, मौलाबाग, पुरानी पुलिस लाईन, शांतिनगर के मुहल्ले के अधिकांश लोग या तो अपने रिश्तेदारों के यहां या फिर सड़क के किनारे आकर शरण लिये हुए हैं. घरों में घुसे पानी की वजह से इनके भोजन की भी समस्या उत्पन्न हो गयी है.

शराब भट्ठी संचालक सकते में

बाढ़ क्षेत्र के सभी भट्ठी संचालक इन दिनों सकते में हैं. बाढ़ के कारण सभी भट्ठियों से शराब की बिक्री पूरी तरह ठप हो गयी है. रामापुर सनदिया, भकुरा, डुमरा तथा शाहपुर क्षेत्र की कई शराब दुकानें पानी में जलमग्न हो गयी हैं. इसके कारण लाखों रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है. भट्ठी संचालक हरेंद्र यादव का कहना है कि इसकी सूचना उत्पाद विभाग को आवेदन के माध्यम से दे दी गयी है. फिर भी एक माह का उत्पाद शुल्क माफ नहीं किया जा रहा है.

राहत कार्य में तेजी लाएं : अमरेंद्र

जिस गति से राहत कार्य बाढ़पीडि़तों के बीच चल रहा है वह नाकाफी है. आपदा प्रबंधन एवं प्रशासनिक अधिकारी लाखों बाढ़पीडि़तों के बीच तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराएं. ये बातें विधानसभा के उपाध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह ने आरा परिसदन में आपदा प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक कर कहीं. उन्होंने कहा कि हर गांव में नाव एवं जीवन रक्षक दवाइयों के साथ त्रिपाल एवं प्लास्टिक उपलब्ध कराया जाये, ताकि बाढ़पीडि़तों को थोड़ी-बहुत राहत मिल सके. उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि यदि तत्काल बाढ़ग्रस्त वार्ड में राहत सामग्री नहीं पहुंचायी गयी तो जनता की आवाज बन कर सड़क पर आंदोलन करूंगा. उन्होंने उपविकास आयुक्त एवं अंचलाधिकारी सहित बाढ़ से संबंधित अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश देते हुए तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही. बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश सिंह, प्रखंड राज कुमार कुशवाहा, मीडिया प्रभारी उमा शंकर सिंह उर्फ मिठाई लाल, धर्मेंद्र सिंह, प्रेम रंजन ,कौशल विद्यार्थी, धीरेंद्र सिंह, प्रकाश एवं मिथिलेश कुशवाहा शामिल थे.

कई गांव बाढ़ के कगार पर खड़े

पिछले एक माह से बाढ़ की विभिषिका का दंश झेल रहे कईर् प्रखंडों के लगभग सौ से ज्यादा गांवों का अस्तित्व मिटने के कगार पर है. बड़हरा के नेकनाम टोला, ख्वासपुर, धुधुंआ, सबलपुर, करजा, बखोरापुर, सरैंया पंचायत के कईर् गांव. शाहपुर के बरिसवन, लक्षु टोला, लालू के डेरा, दामोदरपुर, भरौली सहित कोईलवर के ज्ञानपुर, सेमरिया, जमलापुर सहित कई गांव के लोग एक दूसरे के घर की छतों पर शरण लिए हुए हैं. यदि एक-दो दिन बाढ़ के पानी में वृद्धि हुई तो इन गांवों को जलमग्न होने से कोई नहीं बचा सकता. ग्रामीण क्षेत्र के लोग मोबाइल के माध्यम से शहरी एवं दूर- दराज स्थानों पर रहने वाले परिजनों के लगातार संपर्क में है. वहीं नाव की समूचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पलायन के लिए आतुर दर्जन भर से ज्यादा गांव के लोग विवश है.

तटबंध पर कई जगह रिसाव

कोईलवर से लेकर बक्सर तक बने तटबंध पर कई स्थानों से बाढ़ के पानी का रिसाव शुरू हो गया है. लालूडेरा के समीप ब्रह्म स्थान के पास से बांध 15 फुट से ज्यादा टूट चुका है, जिसके कारण पानी गांव में भरने लगा है. जवइनिया एवं दामोदरपुर के पास भी तटबंध से रिसाव लगातार हो रहा है. शहरी क्षेत्र के मझौआ गांव से बने बांध में भी कई जगहों पर छिद्र हो गयी है. प्रशासनिक अधिकारियों को मंत्री श्याम रजक ने शुक्रवार को ही रिसाव वाले स्थानों को ठीक कराने का आदेश दिया था. लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से शनिवार तक तटबंध की मरम्मत नहीं हो सकी है.

राहत सामग्री व चारा उपलब्ध हो

आरा प्रखंड के मोहनपुर देवरी गांव में बाढ़ के पानी से जन-जीवन अस्त व्यस्त होने पर स्थानीय मुखिया सहित ग्रामीणों ने राहत सामग्री तत्काल उपलब्ध कराने की मांग प्रशासन से की. दूसरी ओर भोजपुर जिला ग्रामीण विकास संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश मिश्र एवं अजय पासवान कड़ारी, महुली, रामापुर सनदिया, डुमरा, पिरौटा सहित कई पंचायतों का दौरा कर बाढ़ पीडि़त सभी गांव में भोजकन सलाई सहित आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने की मांग सरकार से की है. साथ ही नेताओं ने महुली में हुए शमशेर आलम की मौत पर दुख प्रकट करते हुए सरकार से पांच लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की. मांग करने वालों सचितानंद सिंह, नंद सागर मिश्र, जितेंद्र मिश्र, श्री गोविंद मिश्र, रामाकांत निराला, नवीन चंद्र रजक, पख्या तिवारी सहित कई लोग थे.

वहीं लोजपा के वार्ड अध्यक्ष अनूप कुमार व्याहुत के नेतृत्व में बाढ़पीडि़तों को लेकर एक बैठक हुई, जिसमें वक्ताओं ने कहा कि भलईपुर अनटैलिया, बड़हरा, सिन्हा, धनुपरा, बखोरापुर के लोग बाढ़ से पूरी तरह पीडि़त हैं. सरकार तत्काल उन तक राहत पहुंचाये. बैठक में बब्लू कुमार, ब्रजेश, सुनील सिंह, शहजाद आलम, प्रिंस आलम सहित कई लोग थे. सामाजिक कार्यकर्ता दयाशंकर सिंह ने मुख्यमंत्री को फैक्स भेज कर जिला प्रशासन द्वारा बाटे जा रहे राहत कार्य की सराहना की है.

पानी बढ़ने से कई गांवों का संपर्क टूटा

उदवंतनगर त्र गंगा सहित विभिन्न नदियों का जल स्तर बढ़ने से प्रखंड क्षेत्र की सात पंचायतें जलमग्न हो चुकी हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग 84 पर बाढ़ का पानी आने से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर लौटे अंचलाधिकारी जनार्दन प्रसाद सिंह ने बताया कि छोटी सासाराम, बड़गही, मोहनपुर, मोहम्मदपुर, कारीसाथ, बामपाली, रामपुर मिल्की, पकडि़या बड़, बड़का गांव, फिरोजपुर सहित कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं. लगभग 109 हेक्टेयर भूमि की फसल बरबाद हो चुकी है. रामपुर, मिल्की और नावा नगर का संपर्क टूट चुका है. इधर, जमुहार नदी में अचानक पानी बढ़ने से सोनपुरा पंचायत के कोहरा, राघोपुर, भुपौली, जैतपुर, गरहां सहित कई गांवों की सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब चुकी है.

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