कई गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूटा
कटाव अभी भी जारी
आरा: सोमवार को बाढ़ के पानी में स्थिरता के बावजूद शाहपुर, बड़हरा एवं कोईलवर प्रखंड के कई गांव में भोजन एवं पानी को लेकर अफरातफरी मची रही. लोग परेशानियों से ऊब गये और राहत की चाह में भटक रहे हैं. बाढ़ की वजह से सैकड़ों गांव में अभी भी पानी लबालब भरा हुआ है. इसके कारण बाहरी लोगों से गांव का संपर्क टूट गया है. नाव की समुचित व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर तो की जा रही है, लेकिन बड़हरा के गुंडी सहित 15 दर्जन ऐसे गांव है, जिनको अभी तक न नाव नसीब हुई और न ही राहत सामग्री. जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल ने एडीएम एवं सीओ के साथ मुफस्सिल के जगवलिया गांव सहित बड़हरा के कई गांव का दौरा कर बाढ़पीड़ितों से बातचीत की. उन्होंने मौके पर ही उपस्थिति अधिकारियों को तत्काल राहत सामग्री वितरित करने का आदेश दिया. शाहपुर क्षेत्र के 100 से ज्यादा गांव के लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. इनमें से करीब 40 से 50 गांव में थोड़ी बहुत राहत सामग्री पहुंच पायी है, जबकि बांध पर शरण लिये हुए बाकी बचे गांव के लोग अभी भी राहत सामग्री के लिए आस लगाये हुए हैं.
नीचे पानी, तो ऊपर धूप
पिछले एक माह से बड़हरा, शाहपुर एवं कोईलवर प्रखंड के बाढ़ से घिरे कई गांव के लोग त्रहिमाम कर रहे हैं. नीचे से बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है, जिससे बचने के लिए लोग ऊंची इमारतों की छतों पर शरण लिये हुए हैं, लेकिन यहां भी दुर्भाग्य उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है. सूर्य की चिलचिलाती किरण उन्हें नीचे भागने में मजबूर कर रही है. ऐसे में बाढ़पीड़ित गंगा मइया से अपने बचाव की विनती कर रहे हैं.
डीएम ने लिया जायजा
मुफस्सिल के जगवलीया गांव के लोगों के बाढ़ से पूरी तरह घिरे होने की सूचना पाकर जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल एनडीआरएफ टीम के साथ उक्त स्थान पहुंचे. जिलाधिकारी ने बाढ़पीड़ितों से मुलाकात कर मौके पर ही डीडीसी सुरेश कुमार शर्मा, डीसीएलआर कृष्ण मोहन, बीडीओ निर्मल कुमार सिंह को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए तत्काल नावों की समुचित व्यवस्था एवं लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने की बात कहीं. उन्होंने एनडीआरएफ के राकेश जी एवं विकास के साथ चालक कुलदीप एवं अशोक को बचाव कार्य में जुटे रहने का निर्देश दिया.
बांध से नहीं रूक रहा है रिसाव
कोईलवर-बक्सर तटबंध में सोमवार को भी रिसाव जारी रहा. इसके कारण बांध की दूसरी तरफ रहनेवाली हजारों की आबादी पिछले दो दिनों से प्रभावित होने लगी है. लगभग आधा दर्जन स्थानों से तटबंध में रिसाव होने की वजह से लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ी हुई है. अधिकांश लोग अपने बचे समानों को समेट उसी बांध पर शरण लिये हुए हैं, जहां आधा दर्जन स्थानों से रिसाव हो रहा है.
पीने का पानी नहीं
बाढ़ से घिरे लाखों लोग घर में बने अनाज से भूख तो किसी तरह शांत कर ले रहे हैं, लेकिन पीने के पानी के लिए इनके बीच कोहराम मचा हुआ है. चापाकल और कुआं बाढ़ के गर्त में समा गये हैं. बड़हरा के मौजमपुर प्लांट क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी का सप्लाइ पूरी तरह बंद हैं. ऐसे में लोग बाढ़ का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. बार-बार प्रशासन से पाउच वाले पानी मांग करने के बावजूद बाढ़पीड़ितों के बीच पानी नहीं पहुंचा जा रहा है.
पीड़ितों का पलायन जारी
दूसरी तरफ बड़हरा के सबलपुर, नेकनाम टोला सहित दर्जनों गांवों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर रखा है. जानकारी के अनुसार इन इलाकों में 50 हजार से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. सोमवार को सरैया, केशवपुर, करजा, फरहदा सहित कई गांवों के लोग शहर की ओर रुख कर रहे हैं, जिनके पास शहर में घर नहीं हैं, वे गांगी पुल, स्टेशन एवं सड़क के किनारे अपने परिजनों के साथ शरण लिये हुए हैं.