अब तो शांत हो जा गंगा मइया
शाहपुर क्षेत्र के 102 गांवों की 1 लाख 94 हजार 591 की आबादी बाढ़ पीड़ित अब तक आधा दर्जन लोगों की मौत, दो लोगों का अता-पता नहीं शाहपुर . प्रखंड क्षेत्र में करीब डेढ़ माह से प्रलयंकारी बाढ़ का कहर जारी है. गंगा मइया की इस लीला से गांव के गांव तबाह हो गये है. […]
शाहपुर क्षेत्र के 102 गांवों की 1 लाख 94 हजार 591 की आबादी बाढ़ पीड़ित
अब तक आधा दर्जन लोगों की मौत, दो लोगों का अता-पता नहीं
शाहपुर . प्रखंड क्षेत्र में करीब डेढ़ माह से प्रलयंकारी बाढ़ का कहर जारी है. गंगा मइया की इस लीला से गांव के गांव तबाह हो गये है. ऊपर से पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने बाढ़पीड़ितों के जीवन को और भी बदतर बना दिया है. लोग कहते हैं कि बाढ़ एवं बारिश आफत के समान है, जो हमलोगों के जीवन को नर्क बना दिया है. बाढ़ के कारण लगभग आधा दर्जन लोगों की मौत हो गयी है, जबकि अभी तक दो लोग लापता हैं. शाहपुर क्षेत्र के 102 गांवों में रहने वाली 1 लाख 94 हजार 591 की आबादी पीड़ित है. बाढ़ के कारण हजारों परिवार गांव छोड़ कर अपने नाते- रिश्तेदारों के पास, तो हजारों परिवार तटबंध, विद्यालयों एवं अन्य स्थानों पर विस्थापित होकर शरण लिये हुए हैं. जानकारी के अनुसार बाढ़ में हजारों झोंपड़ीनुमा एवं मिट्टी के मकान पानी के तेज बहाव में बह गये है. सैकड़ों मवेशी गंगा में विलीन हो गये हैं. लगभग 20 हजार एकड़ में लगी फसलों को बाढ़ ने बरबाद कर दिया है, कहीं कुछ नहीं बच पाया है. इसके कारण किसानों पर आर्थिक संकट गहरा गया है. लोग बाढ़ का दूषित पानी पीने को को मजबूर है. बाढ़ के कहर से शाहपुर शहर भी तबाह है. पांच वार्ड 2,3,6,7 एवं 8 अब तक प्रभावित हो चुके हैं. बाढ़ में सबसे खराब स्थिति छोटे- छोटे बच्चों की है, जो दूध के लिए तरस गये है. ऐसी स्थिति में बाढ़ पीड़ितों के आंखों से आंसू निकल आते हैं, जो बाढ़ के पानी से ज्यादा पीड़ादायक होते हैं. सरकारी दावे और व्यवस्था के विरोध में बाढ़ पीड़ित हर रोज जगह- जगह धारना -प्रदर्शन कर रहे है.