नहीं रुक रहा है गंगा का कटाव, बाढ़पीड़ित भयभीत
आरा : गंगा क्षेत्र से सटे गांवों में कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. स्थिति दिन –प्रतिदिन भयावह होती जा रही है. लोग भय के कारण पलायन कर रहे हैं. लेकिन कई ऐसे ग्रामीण हैं, जो गांव छोड़ कर तो जाना चाहते हैं, पर आवागमन का कोई समुचित रास्ता नहीं होने के कारण मन मसोस कर ही दूसरे की छतों पर शरण लिये हुए हैं. पानी की स्थिति यथावत बनी हुई है.
मौजमपुर, दयालचक, मझौली, बिहिया के फिनगी, पिपरा, शाहपुर के लक्षु टोला, समेरिया, खुटहां, बिलौंटी से लोग लगातार पलायन कर रहे हैं. शहरी क्षेत्र के दर्जनों मुहल्ले में नाले का पानी इस कदर बढ़ गया है कि बाढ़ से कम नहीं है.
कई थानों में घुसा पानी
बड़हरा के कृष्णागढ़, सिन्हा, बड़हरा थाना, ख्वासपुर, उदवंतनगर के गजराजगंज, शाहपुर के कारनामेपुर, शाहपुर, बहोरनपुर सहित कई थानों में बाढ़ का पानी अंदर घुस गया है. घुटने भर से ज्यादा पानी होने की वजह से इन थानों की कार्यशैली भी बाधित हो रही है. सिन्हा एवं सरैंया में तो कागजात तथा मलखाना के बचाव में पुलिस के जवान लगे हुए हैं, लेकिन इनका लेखा–जोखा शायद ही बाढ़ घटने के बाद पानी की वजह से सही मिल सके.
जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल सहित जिले के तमाम अधिकारी बाढ़पीड़ितों की सहायता में जुटे हुए हैं. डीएम ने मंगलवार को भी शाहपुर एवं बड़हरा सहित उदवंतनगर के कई प्रखंडों का जायजा लेते हुए अपने नेतृत्व में कई स्थानों पर राहत सामग्री वितरित करायी. उन्होंने में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने का आदेश अधिकारियों को दिया.
दयालचक में दहशत
गंगा नदी से सटे दयाल चक गांव में कटाव तेजी से जारी है. अपने ही घर की मिट्टी को पल भर में गंगा में विलीन होते देख लोग डेंगी और ट्यूब के जरिये भाग निकले. मौजमपुर एवं मझौली में कटाव ने लोगों को पूरी तरह भयभीत कर रखा है. एनडीआरएफ की टीम इन स्थानों से लोगों को हटाने में मदद कर रही है.
सरैंया, फरहदा, सब्बलपुर, पंडितपुर सहित बड़हरा के 50 से ज्यादा गांव के लोग अभी तक पलायन कर चुके हैं, जबकि शाहपुर के दामोदरपुर, बहोरनपुर, रमदतई, भरौली सहित कई गांव के लोग या तो दूसरे शहर में या फिर कोईलवर–बक्सर तटबंध पर अपने परिजनों के साथ शरण लिये हुए हैं.
खुद को कोस रहे हैंलोग
चौधरियाना के पीछे बसे तरी, पुरानी पुलिस लाइन, सुंदर नगर, चंदवा, न्याय नगर सहित दो दर्जन से ज्यादा मुहल्ले के लोग खुद अपने आप को ही कोस रहे हैं. सुखाड़ के समय 3 लाख प्रति कट्ठा की जमीन 12 से 14 लाख तक तीन गुनी कीमत अदा कर खुद ही पीठ थपथपाने का काम किया था. लेकिन बाढ़ तो नहीं शहर के नाले के पानी ने ऐसा रौद्र रूप लिया कि एक तल्ला पर नहीं दूसरे तल्ला पर जाकर उन्हें शरण लेनी पड़ी.
नीचे एक पोरसा से ज्यादा बदबूदार पानी उन्हें राशन एवं केरोसिन भी नहीं खरीदने दे रहा है. ऊपर सूर्य की किरणों उन्हें तबाह कर ही रही है. ऐसे में कई परिवारों के बीच लगातार झगड़ा हो रहा है कि तुम्हारी वजह से यहां जमीन खरीदी.
विलीन हुए कई मकान
मौजमपुर एवं दयालचक सहित मझौली गांव के कई मकान कटाव की वजह से गंगा में विलीन हो गये. लोग किसी तरह जान बचा कर वहां से भाग खड़े हुए.
दो की गयी जान
बाढ़ में डूबने से जहां एक स्कूल छात्र की मौत सनदिया गांव के पास हो गयी, वहीं बड़हरा प्रखंड के जिवा राय के टोला गांव में बाढ़ के पानी से घीरे मकान की दीवार गिरने व उसकी चपेट में आने से एक बुजुर्ग की मौत घटनास्थल पर हो गयी. पुलिस ने अलग– अलग मामला दर्ज कर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया. एएसपी विकास कुमार ने बताया कि पानी के तेज बहाव में छात्र विकास कुमार बह गया.
ग्रामीणों ने छात्र को बचाने के लिए पानी में छलांग लगायी, लेकिन ग्रामीणों को सफलता नहीं मिली. गांव के मुखिया राजेश्वर पासवान ने छात्र की खोजबीन के लिए एनडीआरएफ की टीम को सनदिया गांव बुलाया. एनडीआरएफ की टीम ने ग्रामीणों की सहयोग से पानी में डूबे छात्र को बेहोशी अवस्था में बाहर निकाला.
छात्र को गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. वहीं बड़हरा थाना क्षेत्र के जीवा राय के टोला गांव में बाढ़ के पानी से घिरे मकान की दीवार गिरने व उसकी चपेट में आने से 60 वर्षीय रामजी साह की मौत हो गयी.