विस्थापित परिवारों के लिए पांच राहत शिविर हुए शुरू
मेडिकल टीम को 24 घंटे तैनात रहने का निर्देश
आरा/ बड़हरा/ सरैंया: बड़हरा प्रखंड के पिपरपांती गांव में जारी गंगा के कटाव के कारण विस्थापित परिवारों एवं ध्वस्त हुए मकानों का डीएम ने जायजा लिया. इस दौरान जिलाधिकारी ने गांव के प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे भू-धंसान और मकान ध्वस्त से संबंधित दृश्य को देख कर मर्माहत हुए. उन्होंने गंगा कटाव से प्रभावित क्षेत्र के लोगों से फिलहाल गांव खाली करने को कहा.
मदद का आश्वासन
इधर जिलाधिकारी ने बताया कि कटाव से पीड़ित लोगों को प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी. इसको लेकर प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. इस बाबत अनुमंडलाधिकारी माधव कुमार सिंह को विस्थापित परिवारों के पुनर्वास को लेकर फिलहाल 30 टेंट की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा है. वहीं पेयजल की बेहतर सुविधा को ध्यान में रखते हुए 2 चापाकल और 6 शौचालय निर्माण करने का आदेश लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को दिया गया है. दूसरी ओर पांच राहत शिविर के माध्यम से सभी को आपदा प्रबंधन के नियम के अनुरूप मेनू के अनुसार प्रभावित परिवारों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इस कार्य में नजदीकी तीन आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका और सहायिका को लगाया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर चिकित्सकों की मेडिकल टीम को तैनात कर दी गयी है. मेडिकल टीम को गांव के लोगों को 24 घंटे स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
वैकल्पिक व्यवस्था करें
जिला पदाधिकारी पंकज कुमार पाल के अनुसार फिलहाल कटाव रोकने के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सैंडफिलिंग का कार्य कराने को कहा गया है. इधर जिलाधिकारी को स्थानीय लोगों ने बताया कि गंगा नदी में केवटिया, मझौली तथा मौजमपुर के पास बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा ठोकर निर्माण कराये जाने से ऐसी भयावह स्थिति उत्पन्न हुई है. इस दौरान जिला पदाधिकारी के साथ अनुमंडलाधिकारी सदर माधव कुमार सिंह, डीसीएलआर कृष्ण मोहन, उप निर्वाचन पदाधिकारी विकास कुमार, जिला भविष्य निधि पदाधिकारी राजेश कुमार, अंचलाधिकारी, बड़हरा नर्वदेश्वर सिंह आदि उपस्थित थे.