वामपंथ के लिए अनुकूल है माहौल : दीपंकर

माले का जिला स्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन संपन्न आरा : राजद-जदयू के पिछले 25 साल का शासनकाल हो या भाजपा-जदयू का शासनकाल या केंद्र में पिछले एक साल का भाजपा का शासनकाल, जनता की बुनियादी आकांक्षाओं के साथ विश्वासघात हुआ है. किसान, मजदूर, महिला, नौजवान, शिक्षक और तमाम ठेका-मानदेय कर्मी गहरे असंतोष से भरे हैं और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2015 8:41 AM
माले का जिला स्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन संपन्न
आरा : राजद-जदयू के पिछले 25 साल का शासनकाल हो या भाजपा-जदयू का शासनकाल या केंद्र में पिछले एक साल का भाजपा का शासनकाल, जनता की बुनियादी आकांक्षाओं के साथ विश्वासघात हुआ है.
किसान, मजदूर, महिला, नौजवान, शिक्षक और तमाम ठेका-मानदेय कर्मी गहरे असंतोष से भरे हैं और आंदोलनरत हैं. वामपंथी दलों के लिए यह अनुकूल मौका है कि वे जनांदोलनों की अगुवाई करते हुए अपनी संगठित ताकत के बल पर बिहार की राजनीति की दिशा को बदल दे. उक्त बातें भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने नागरी प्रचारिणी सभागार में पार्टी के जिलास्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहीं.
दीपंकर ने कहा कि भाकपा माले तमाम बटाईदार और छोटे मेहनतकश किसान, खेत मजदूर समेत तमाम ग्रामीण मजदूरों को संगठित कर रहा है. केंद्र व बिहार की सरकार चाहती है कि कृषि संकट और बढ़े, ताकि किसान खुद खेती छोड़ दे और वे इसे कॉरपोरेट और माफियाओं के हवाले कर सके. उन्होंने कहा कि वामपंथी दलों द्वारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध करने पर भाजपा नेता कह रहे हैं कि ये लोग किसान को किसान बनाये रखना चाहते हैं. उनके बेटों को डॉक्टर, इंजीनियर आदि बनने नहीं देना चाहते हैं, जबकि सच यह है कि सरकार उन्हें शिक्षा और सम्मानजनक रोजगार के अधिकार से भी वंचित कर रही है.
दीपंकर भट्टाचार्य ने विधान परिषद चुनाव में तमाम जनप्रतिनिधियों से माले उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की अपील की है. कन्वेंशन का संचालन जिला सचिव जवाहर लाल सिंह ने किया. इस मौके पर चंद्रदीप सिंह, सुदामा प्रसाद, रमेश कुमार, अजीत कुशवाहा, कामता प्रसाद सिंह, मनोज कुमार, परशुराम सिंह, धर्मेद्र सिंह, विशुन ठाकुर, क्यामुद्दीन, रामनाथ राम, चिंटू कुमारी आदि उपस्थित थे.

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