संवाददाता, आरा
ब्रrोश्वर मुखिया हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआइ ने जिले के हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के आपराधिक इतिहास के एनालिसिस में जुट गया है. साथ ही ऐसे अपराधियों के आर्म्स लाइसेंस के भौतिक सत्यापन का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. इसको लेकर सीबीआइ ने प्रशासन से जिले के हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के नाम से जारी शस्त्र अनुज्ञप्ति के संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन की मांग की गयी है. ताकि ऐसे अपराधियों के शस्त्र अनुज्ञप्ति का भौतिक सत्यापन किया जा सके. इस सिलसिले में सीबीआइ के एसपी राजीव रंजन ने पिछले दिनों अनुसंधान कर्ता टीम के सदस्य सब इंस्पेक्टर बीके पांडेय को अपराधियों के आपराधिक इतिहास और उनके नाम पर धारित शस्त्र लाइसेंस संबंधित कागजात को थानों में भेज कर तहकीकात करायी थी. इस दौरान थानों से टीम के सदस्य ने अपराधियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण कागजात मुख्यालय ले गये थे. इसको मुख्यालय में सीबीआइ के वरीय अधिकारियों ने एनालिसिस किया था.
मिले अहम सुराग
सूत्रों की मानें तो एनालिसिस के दौरान सीबीआइ को हत्या कांड से जुड़े कई अहम सुराग हाथ लगे है. क्रॉस वेरिफिकेशन के क्रम में मिले साक्ष्य और अब तक अनुसंधान क्रम में प्राप्त साक्ष्य को आधार मान कर सीबीआइ आगे की जांच में जुट गयी है.
फिर आयेगा सीबीआइ
भोजपुर पुलिस, एसआइटी और सीबीआइ द्वारा किये गये अब तक के जांच के आधार पर सीबीआइ आगे की रणनीति बना कर सीबीआइ टीम एक बार फिर जल्द ही आरा पहुंच कर हत्या कांड के संबंध में कई लोगों से पूछताछ करेगी. मालूम हो कि एक जून, 2012 को ब्रrोश्वर मुखिया की हत्या गोली मार कर कर दी गयी थी. इस घटना के बाद मुखिया पुत्र के अनशन पर राज्य सरकार ने दुबारा सीबीआइ से जांच कराने की अनुशंसा की थी. इसके आलोक में सीबीआइ ने हत्या कांड का अनुसंधान शुरू किया है.