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सुविधाएं बढ़ेंगी, तो आरा ही ‘पेरिस’
आरा शहर को हर कोई स्मार्ट सिटी के रूप में देखना चाहता है.यदि सभी सुविधाएं बहाल हो जाएं, तो यह भी बड़े शहरों जैसा सुंदर हो जायेगा. पांच सुविधाओं में यातायात, 24 घंटे वाटर सप्लाइ, हर घर में शौचालय की व्यवस्था, व ग्रीन पार्क के साथ सड़क के किनारे आम लोगों के लिए फुटपाथ शामिल […]
आरा शहर को हर कोई स्मार्ट सिटी के रूप में देखना चाहता है.यदि सभी सुविधाएं बहाल हो जाएं, तो यह भी बड़े शहरों जैसा सुंदर हो जायेगा. पांच सुविधाओं में यातायात, 24 घंटे वाटर सप्लाइ, हर घर में शौचालय की व्यवस्था, व ग्रीन पार्क के साथ सड़क के किनारे आम लोगों के लिए फुटपाथ शामिल हैं. यदि इन पर बेहतर काम हो तो यह भी ‘पेरिस’ जैसा बन सकता है.
इसकी सुंदरता और स्वच्छता में चार चांद लग जायेगा. इन्हीं बुनियादी सुविधाओं पर कोई भी शहर सुंदर बनता है. शहर की आबादी के हिसाब से काम किया जाए, तो यह भी किसी से कम नहीं रहेगा. सरकारी व प्रशासनिक सोच के साथ आम लोगों की भागीदारी भी इसमें अहम है. शाहाबाद का यह मुख्य शहर मॉडल हो जायेगा और आस-पास के शहरों को बेहतर बनाने में लग जायेंगे. सबसे बड़ी बात यहां निर्वाध रूप से गाड़ियां दौड़ेंगी. हर हरा-भरा हो जायेगा और बच्चों को खेलकूद के लिए हरा-भरा मैदान मिल जायेगा. कुल मिला कर शहर के लोगों का जीवन बेहतर हो जायेगा.
शहर के हर घर को 24 घंटे वाटर सप्लाइ की सुविधा मयस्सर नहीं है. नगर निगम वाटर सप्लाइ की सुविधा शहरवासियों को अब तक शत-प्रतिशत उपलब्ध नहीं करा पाया है. ऐसे तो नगर निगम ने हर घर को वाटर सप्लाइ 24 घंटे बहाल रखने को ले 318 करोड़ की डीपीआर तैयार कर विभाग को भेज दिया है, जिसमें पुराना सप्लाइ पाइप को बदलने तथा आवश्यकता के अनुसार नयी जलमीनार बनाने का प्रस्ताव शामिल है.
वाटर सप्लाइ की सुविधा नहीं रहने के कारण शहर की स्लम बस्ती के नागरिकों के साथ-साथ शहर में रहनेवाले मध्यमवर्गीय परिवारों को 21वीं सदी में भी शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है. वहीं मई और जून माह में पानी के लिए लोगों को आसपास के चापाकलों पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में शहर को सुंदर और स्मार्ट बनाने के लिए वाटर सप्लाइ को बेहतर करना होगा.
सड़क के किनारे राहगीरों के लिए फुटपाथ की व्यवस्था जरूरी है. आरा जैसे पुराने शहर में सड़कों के किनारे यात्राियों को चलने के लिए फुटपाथ की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसका मुख्य कारण है कि सड़क के किनारे जमीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में नगर निगम के प्रयास के बाद भी आरा के नागरिकों के लिए सड़कों के किनारे फुटपाथ की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
नगर निगम ने मुख्य सड़कों के बीच में डिवाइडर बनाने को ले 65 करोड़ का एक डीपीआर तैयार की है. नतीजतन शहर के राहगीरों को सड़क के किनारे फुटपाथ की व्यवस्था नसीब भले ही न हो, लेकिन मुख्य सड़कों पर डिवाइडर की सुविधा जरूर नसीब होने की उम्मीद है. सड़कों पर डिवाइडर की सुविधा होने से सड़क हादसों पर नियंत्रण पाया जा सकता है. साथ ही सड़कों की खूबसूरती भी बढ़ जायेगी.
आरा शहर में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त और व्यवस्थित ढंग से लागू करने के लिए प्रशासन और नगर निगम के पास कोई ठोस कार्य योजना अब तक तैयार नहीं है, जिसके कारण शहर में जाम की समस्या रोजमर्रा में शुमार हो गया है. जाम की समस्या से शहरवासियों के साथ-साथ रोजाना सरकारी और निजी विद्यालयों में पढ़ने जानेवाले बच्चों को परेशानी उठानी पड़ती है.
जाम की समस्या के कारण बच्चों को विद्यालय से घर तक की सफर तय करने में किसी-किसी दिन पूरे दिन लग जाता है. इसको लेकर एक बार प्रशासन और नगर निगम ने पहल की थी, लेकिन उसका अनवरत अनुपालन नहीं किया गया. नतीजतन इन दिनों आरा शहर के महावीर टोला, मठिया मोड़, स्टेशन रोड, जेल रोड, गोपाली चौक, सिंडिकेट, बिहारी मिल, जीरो माइल, स्टेशन रोड, गोला रोड तथा शिश महल चौक पर जाम लगनी आम बात हो गयी है. जाम की समस्या से आम नागरिकों के साथ-साथ प्रशासन के आलाधिकारी और राजनेताओं को भी कभी-कभी सामना करना पड़ जाता है.
ऐसे में प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस की पसीना छूटने लगती है. फिर भी इसके निराकरण को लेकर प्रशासन और नगर निगम ने कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है. शहर में सिर्फ सख्ती से वन वे ट्रॉफिक व्यवस्था लागू हो जाये, तो जाम की समस्या से कुछ हद तक राहत मिल सकती है. ऐसे में शहर जाम से मुक्त कैसे बन पायेगा.
शहर को स्मार्ट सिटी में शुमार होने के लिए ग्रीन पार्क भी एक मानक में शामिल है. ऐसे में शहर में ग्रीन पार्क का होना भी अपने आप में एक बड़ी आवश्यकता है. लेकिन, आरा जैसे पुराने शहर में कोई ग्रीन पार्क की सुविधा नहीं है.
शहर में रहनेवाले लोगों को यह कमी बड़ी खलती है. ग्रीन पार्क न होने का मलाल खास कर बच्चों को ज्यादा है. शहरवासियों के लिए अपने परिवार के साथ खुले में समय बिताने का कोई जगह नहीं है. इस कमी को दूर करने के लिए आरा नगर निगम ने पटना इको पार्क के तर्ज पर ग्रीन पार्क की सुविधा बहाल करने के लिए भी एक योजना तैयार की है. ग्रीन पार्क योजना का कार्य वन विभाग को मिला है, जो धरहरा पुल से आरा लख तक नहर के दोनों छोर पर ग्रीन पट्टी लगायेगा. इससे शहर की खूबसूरती में चार चांद तो लगेगा ही, लोगों को परिवार के साथ फुरसत के क्षण बिताने को जगह भी मिलेगी.
शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का सपना साकार कैसे होगा. जब शहर के हर घर मेंशौचालय की व्यवस्था ही उपलब्ध नहीं है. वहीं शहर की सड़कों के किनारे सामुदायिक शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. इसके कारण शहर में स्वच्छता और साफ-सफाई की व्यवस्था पर ग्रहण लग जाता है.
वहीं, शहर में ग्रामीण क्षेत्रों से आनेवाले नागरिकों और शहर के नागरिक यूरिनल सड़क के किनारे ही कर देते हैं. ऐसे में शहर के हर घर में शौचालय की सुविधा के साथ-साथ सड़कों के किनारे यूरिनल की व्यवस्था जरूरी है. साथ ही चौक-चौराहों पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण की भी आवश्यकता है. इसको लेकर नगर निगम प्रत्येक वार्डो में दो-दो यूरिनल और एक-एक सामुदायिक शौचालय बनाने पर जोर दे रखा है. इससे शहर में गंदगी नहीं फैलेगी और लोग भी परेशानी से बचेंगे.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
आरा शहर को सुंदर और स्मार्ट बनाने के पहले यहां के नागरिकों को स्वयं स्मार्ट बनना पड़ेगा. इसके साथ-साथ शहरी क्षेत्र में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों को आइटी से जोड़ना होगा. वहीं शहर के प्रत्येक घर में शौचालय और यूरिनल की व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए. फिर भी नगर निगम स्मार्ट सीटी के निर्धारित मानक पर खरा उतरने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है. इसका फलाफल नतीजा कुछ वर्षो के बाद आरा शहर के लोगों को देखने को मिल जायेगा.
उमेश कुमार, नगर आयुक्त
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