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अंतिम छोर तक पहुचाएं पानी

डीएम ने कार्यपालक अभियंता को सिंचाई के लिए दिये सख्त निर्देश आरा : जिले में सिंचाई विभाग के लापरवाही के कारण एक बार फिर सुखाड़ पड़ने की आसार बढ़ गयी है. पानी रहते नहरों में अब तक पानी नहीं पहुंचा है. नहरों की स्थिति जेठ, बैसाख की तरह हो गयी है. यानी जैतपुर, असनी, चौराई, […]

डीएम ने कार्यपालक अभियंता को सिंचाई के लिए दिये सख्त निर्देश
आरा : जिले में सिंचाई विभाग के लापरवाही के कारण एक बार फिर सुखाड़ पड़ने की आसार बढ़ गयी है. पानी रहते नहरों में अब तक पानी नहीं पहुंचा है. नहरों की स्थिति जेठ, बैसाख की तरह हो गयी है.
यानी जैतपुर, असनी, चौराई, चंदवा, धनुपरा, कोईलवर सहित एक दर्जन से अधिक वितरणी नहरों में दरार पड़ी हुई है. ऐसे में धान रोपनी का कार्य ठप पड़ गया है. वहीं धान रोपनी का सरकारी समय भी समाप्त होने में महज सात दिन शेष रह गये हैं. बावजूद इसके कोई पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि नहरों में पानी पहुंचाने को लेकर सक्रिय नहीं है. नतीजतन जिला एक बार फिर भयावह सुखाड़ के चपेट में आने के कगार पर पहुंच गया है.
सिंचाई संकट के कारण किसानों की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस बाबत दूरभाष पर जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव से पूछे जाने पर कहा कि सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता को नहरों में अंतिम छोड़ तक पानी पहुंचाने का निर्देश दिया गया है. मौसम के दागा देने के साथ – साथ नहर और राजकीय नलकूप भी बंद पड़ चुके हैं, जिसके कारण धान रोपनी को लेकर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरे साफ दिखायी पड़ रही है. बावजूद इसके सिंचाई विभाग और नलकूप विभाग सिर्फ फर्जी आंकड़े काखेल-खेल रहे हैं.
सिंचाई को लेकर न तो सिंचाई विभाग और नलकूप विभाग चिंतित है और न ही प्रशासन के आलाधिकारी इसके प्रति गंभीर है. ऐसे में किसानों का दर्द दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रही है. जिले में 514 राजकीय नलकूप में 402 राजकीय नलकूप फिलहाल बंद पड़े हुए है.
ऐसे में जो नलकूप से खेतों की सिंचाई होने की संभावना थी वो भी लगभग समाप्त हो गयी. यांत्रिक दोष के कारण 28 नलकूप, विद्युत दोष के कारण 33 नलकूप, संयुक्त दोष के कारण 177 नलकूप तथा अन्य दोष के कारण 164 नलकूप अभी बंद है.
क्या कहते हैं जिलाधिकारी
जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सिंचाई विभाग को नहरों में पानी अंतिम छोड़ तक पहुंचाने के लिए सख्त निर्देश दिया गया है. बावजूद इसके यदि नहरों में पानी पहुंचाने के प्रति लापरवाही बरतते है, तो मामला सही पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.
नलकूपों की स्थिति बदतर
जिले में पुराने 337, नाबार्ड फेज 3 -3, नाबार्ड फेज 8-68 तथा नाबार्ड फे ज 11 – के तहत 106 राष्ट्रीय नलकूप सिंचाई को लेकर लगाये गये हैं, लेकिन विभागीय आंकड़े के अनुसार फिलहाल 112 राजकीय नलकूप चालू बताया जा रहा है, जबकि यांत्रिक दोष के कारण 26, विद्युत दोष के कारण 33, संयुक्त दोष के कारण 177 तथा अन्य दोष के कारण 164 नलकूप बंद पड़े हुए हैं. ऐसे में नलकूप से सिंचाई का कार्य भगवान भरोसे हैं.
पानी रहते नहरों में नहीं है पानी
जिले के नहरों में फिलहाल कही पानी नजर नहीं आ रहा है. सबसे बुरा हाल धनुपरा वितरणी नहर, चौराई वितरणी नहर, असनी वितरणी नहर, जैतपुर वितरणी नहर, चंदवा वितरणी नहर, कोईलवर वितरणी नहर सहित कमोवेश सभी वितरणी नहरो में चुल्लू भर भी पानी नहीं है. ऐसे में सिंचाई की बात कौन कहे पशुओं को पीने के लिए भी पानी नसीब नहीं हो पा रहा है.

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