गहना चोर गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
आरा : फर्जी कंपनी के नाम पर गहना साफ करने के लिए घर के परिजनों को विश्वास में लेना और फिर उनका गहना गायब कर चंपत हो जानेवाले गिरोह के दो सदस्यों को नवादा थाने व गड़हनी थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कैलाश होटल से गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो सदस्य […]
आरा : फर्जी कंपनी के नाम पर गहना साफ करने के लिए घर के परिजनों को विश्वास में लेना और फिर उनका गहना गायब कर चंपत हो जानेवाले गिरोह के दो सदस्यों को नवादा थाने व गड़हनी थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कैलाश होटल से गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो सदस्य पुलिस की गाड़ी को देख कर भाग निकले. गिरोह के सदस्य कई घरों से लाखों का सोना व चांदी के गहने गायब कर दिये थे.
पकड़े गये दोनों सदस्य अनीश कुमार गुप्ता संजय प्रसाद साव का पुत्र है, जबकि भुनेश्वर प्रसाद का पुत्र कुणाल कुमार साह भी धर दबोचा गया. दोनों गहना चोर गोविंदपुर खगड़िया जिले के निवासी हैं. पुलिस ने एक यामाहा मोटरसाइकिल भी जब्त की है.
पुलिस को भी लिया था विश्वास में : एक फर्जी कंपनी के नाम पर गिरोह के चार सदस्य अनीश कुमार गुप्ता, कुणाल कुमार साह व दो अन्य सदस्य गड़हनी थाने की पुलिस से जाकर मिले थे और उन्होंने बताया था कि हम लोग एक रजिस्टर्ड संस्था से हैं. घर-घर जाकर गंदे पड़े गहने को साफ करते हैं.
गड़हनी पुलिस को तब शक हुई, जब 20 जुलाई को गड़हनी थाना क्षेत्र के ही लहरपा गांव निवासी जगनारायण सिंह ने अपने घर से सोना गायब होने की शिकायत दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में भुग्तभोगी ने बताया कि पहले तो कंपनी के नाम पर घर आये और फिर सोना साफ करने के बहाने गरम पानी में डाल कर फरार हो गये. तब से गड़हनी पुलिस लगी हुई थी.
कई लोगों को लगाया था चूना : पकड़े गये अनीश व कुणाल के पास से जो डायरी बरामद हुई है उसके अनुसार जगनारायण सिंह, रामायण सिंह, विश्वनाथ सिंह, विष्णु सिंह, निर्मला शर्मा, मुन्ना सिंह, किरण कुमारी व आशा देवी को चुना लगा चुके हैं.
कैसे करते थे हाथ की सफाई : हाथ की सफाई में माहिर इस गिरोह के सदस्य पहले किसी के घर जाते और फिर घर के सदस्यों को विश्वास में लेते. घर के सदस्यों के सामने एक कटोरा में गरम पानी मंगाते व दूसरे में ठंडा पानी, फिर गरम पानी में गहना डालते और ऊपर से केमिकल डाल कर फिर ठंडे पानी में डाल कर निकाल लेते थे.
दुबारा घर के सदस्यों से पुन: गरम पानी लाने के बहाने अंदर भेजते ओर पुन: वह गरम पानी लाते तो ठंडे पानी से निकाल कर गरम पानी में डाल देते थे. बाद में यह कह कर चंपत हो जाते कि जब ठंडा हो जायेगा तो गहना निकाल लीजिएगा.