कोइलवर : दानापुर रेल मंडल के हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर अवस्थित कोइलवर रेलवे स्टेशन बदहाल है. वजूद में आने के इतने वर्षों बाद भी यात्रियों को यहां मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है़
अंग्रेजों के शासन काल में इस्ट इंडिया कंपनी द्वारा निर्मित अब्दुल बारी पुल के साथ ही अस्तित्व में आये इस स्टेशन से रोजना हजारों यात्री अपने गंतव्य के लिये सफर करते हैं. सालाना एक करोड़ की आमद करने वाले स्टेशन पर यात्री शेड, पेयजल, फुटओवर ब्रिज, पूछताछ काउंटर, शौचालय व आरक्षण काउंटर की सुविधा नहीं है.
कर्मियों की कमी और बंदरों के उत्पात के बीच नल शेड और फर्स्ट क्लास प्रतीक्षालय चालू नहीं रहने से भी उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है. आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक कई उतार-चढ़ाव व स्वर्णिम दौर देख चुके इस स्टेशन को पूर्ण स्टेशन का दर्जा तक प्राप्त नहीं है. रेलवे की बेरुखी का अंदाजा फ्लैग स्टेशन या हॉल्ट के दर्जे से लगाया जा सकता है़
ऐसे में इस स्टेशन पर कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पाता. सुपर फास्ट पैसेंजर और इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनें भी यहां नहीं रुकती हैं. इधर, पंद्रह दिनों से लिंक फेल रहने के चलते कंप्यूटर टिकट की जगह मैनुअल टिकट से काम चलाया जा रहा है़ कई ट्रेनों के ठहराव के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगायी गयी, लेकिन नतीजा सिफर निकला. सुविधा के नाम पर यहां अप प्लेटफॉर्म पर दो व डाउन पर एक प्रतीक्षालय है़ दोनों प्लेटफॉर्म पर हैंडपंप लगे है़ं वे प्राय: खराब रहते हैं.