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दीर्घायु की कामना

बिक्रमगंज(रोहतास) : बहनों ने भाइयों को पहले श्राप दिया, फिर रेंगनी का कांट जीभ में चुभा कर लंबी उम्र की कामना की. पंडित लक्ष्मी तिवारी ने बताया कि यह पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. उत्तर भारत में इस पूजा का विशेष महत्व है. बहनों द्वारा भाइयों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2015 2:14 AM

बिक्रमगंज(रोहतास) : बहनों ने भाइयों को पहले श्राप दिया, फिर रेंगनी का कांट जीभ में चुभा कर लंबी उम्र की कामना की. पंडित लक्ष्मी तिवारी ने बताया कि यह पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. उत्तर भारत में इस पूजा का विशेष महत्व है. बहनों द्वारा भाइयों को श्राप दिया जाता है.

माना जाता है कि ऐसा करने से भाइयों की असमय मृत्यु का योग समाप्त हो जाता है. मान्यता के अनुसार, द्वितीया के दिन सो कर उठते ही बहने रेंगनी का कांट जीभ पर गड़ा कर भाई को श्रापती है. इससे यम भी भयभीत हो जाता है और भय से भाइयों को असमय मृत्यु से मुक्ति का वरदान देता है.
बाद में बहने गोबर से सांप बिच्छू आदमी (यमराज) आदि की आकृति बना उसमें कई प्रकार के अन्न डाल उसकी लाठी से कुटाई करती है और उस में से चना को निकाल कर भाइयों को प्रसाद खिलाती है. इस अवसर पर घरों में पकवान बनाया जाता है, जिसे अमर पीठा भी कहा जाता है.
नासरीगंज (रोहतास) संवाददाता के अनुसार पूरे क्षेत्र में गोवर्द्धन पूजा व भैया दूज हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर अमियावर गांव में एक समारोह का भी आयोजन किया गया. इस दौरान कुश्ती व लंबी कूद प्रतियोगिता आयोजित की गयी. इसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया. वहीं, कायस्थ समाज द्वारा कलम-दवात की पूजा की गयी. साथ ही बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र के लिए ईश्वर से दुआ मांगी.
सूर्यपुरा(रोहतास) संवाददाता के अनुसार राम भइया चलले अहेरिया कि उनकर बहिनी दे ली आशीष जीयस हो मोरे भइया, जीयस लाख बरीस, सहित ऐसी अन्य शुभकामनाओं के साथ शुक्रवार को सूर्यपुरा प्रखंड क्षेत्र के बलिहार खरोज बारून अलीगंज इमिरिता नारायणपुर कल्याणी शिवोबहार पड़रिया छोटका पोखरा, पश्चिम टोला, बारून टोला,श्रीकांत पुर, डबरिया सहित अन्य गांवों में भैया दूज(गोधन) का व्रत युवतियों एवं महिलाओं ने पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ हर्षोल्लापस पूर्ण वातावरण में मनाया.
इस अवसर पर सुबह 10 बजे बने गोधन को कूटा तथा अपने अपने भाइयों को बजरी का मिठाई एवं नारियल चढ़ा कर माथे पर रोरी का तिलक लगा कर प्रसाद खिलाया एवं सबों ने अपने भाइयों की सुख समृद्धि एवं दीर्घायु की मंगल कामना की.

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