माड़ में उभरी महिला की आकृति

माड़ में उभरी महिला की आकृति छठ माता का स्वरूप मान कर ग्रामीण ले रहे आशीष ग्रामीणों में कौतूहल का विषया बना बिहारशरीफ (नालंदा) . सदर प्रखंड के तिऊरी गांव में बुधवार को छठ पूजा नहाय-खाय के लिए बनाये गये चावल के माड़ में महिला की आकृति उभरने से पूरा गांव कौतूहल में इसे देखने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2013 10:42 PM

माड़ में उभरी महिला की आकृति

छठ माता का स्वरूप मान कर ग्रामीण ले रहे आशीष
ग्रामीणों में कौतूहल का विषया बना
बिहारशरीफ (नालंदा) . सदर प्रखंड के तिऊरी गांव में बुधवार को छठ पूजा नहाय-खाय के लिए बनाये गये चावल के माड़ में महिला की आकृति उभरने से पूरा गांव कौतूहल में इसे देखने टूट पड़ा. पूरा गांव पप्पू महतो के घर में इकट्ठा हो गया. ग्रामीण इसे छठ माता का रूप मान रहे हैं. वे थाली के आस-पास चढ़ावा के रूप में रुपये-पैसे रख कर आशीर्वाद भी ले रहे हैं. महिलाओं में इसे लेकर खासा उत्साह है. लोग इसे दैविक चमत्कार मान रहे हैं. ग्रामीणों का तर्क है कि छठ पूजा के मौके पर छठ माता स्वयं प्रकट हुई हैं. वरना चावल तो रोज ही पका कर माड़ निकाल दिया जाता है. आज तक कभी किसी ने ऐसी आकृति नहीं देखी. घटना की जानकारी धीरे-धीरे आसपास के गांवों में भी फैल गयी. इससे सैकड़ों स्त्री-पुरुष उस आकृति को देखने तथा आशीर्वाद लेने को दौड़े चले आ रहे हैं.
आकृति के प्रति ग्रामीणों के विचार
वरीय नागरिक कामेश्वर प्रसाद इसे दैविक चमत्कार मान रहे हैं. उनका कहना है कि छठ पर्व के मौके पर छठ माता द्वारा कोई विशेष संदेश दिया गया है. ग्रामीण मिथिलेश कुमार का कहना है कि चूंकि आकृति में महिला अपने हाथों में सूप लिये नजर आ रही है. इसलिए छठ माता का हो न हो यह कोई संदेश है. वहीं सविता देवी ने कहा कि कभी-कभी भगवान इस प्रकार के चमत्कार कर लोगों को हैरत में डाल देते हैं. वैसे तो घटनास्थल पर मौजूद सैकड़ों स्त्री-पुरुषों के अपने-अपने विचार हैं, लेकिन थाली के माड़ में बने इस आकृति से क्षेत्र के लोगों में भारी आश्चर्य व्याप्त है.
मामला क्या है
तिऊरी ग्राम निवासी पप्पू महतो की माता कुंती देवी ने सुबह नौ बजे नहाय-खाय के लिए प्रसाद के रूप में चावल पका कर माड़ को थाली में छोड़ दिया. वे घर के अन्य कार्यो में व्यस्त हो गयीं. घंटे भर बाद उनकी बहू थाली उठाने गयी तो उन्होंने उक्त आकृति को देख कर दंग रह गयी. उन्होंने इसकी जानकारी घरवालों को दी, जिससे बाद में पूरा गांव तथा पड़ोस तक में बात फैल गयी. लोग इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में जमा होने लगे. गांव के ब्राrाण द्वारा थाली को इसी प्रकार छठ पूजा तक रहने देने की बात कही गयी. बाद में इसे नदी में प्रवाहित कर देने की बात कही गयी.

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