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पहिले होईते घोषणा त पति आ बेटा के जान ना जाइत

आरा : पहिले होईत शराबबंदी के घोषणा त 2012 में हमार पति आ बेटा के जान ना जाइत. शराब के कारण हमार घर परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गइल. इ घोषणा पहिलही लागू हो जाइत त आज हमार बेटा और पति दोनों जिंदा रहते. आज भी दोषी लोगन के सजा नइखे मिलत. ये दर्द […]

आरा : पहिले होईत शराबबंदी के घोषणा त 2012 में हमार पति आ बेटा के जान ना जाइत. शराब के कारण हमार घर परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गइल. इ घोषणा पहिलही लागू हो जाइत त आज हमार बेटा और पति दोनों जिंदा रहते. आज भी दोषी लोगन के सजा नइखे मिलत. ये दर्द है उस कलावती की जिसका पति और बेटा 2012 के शराब कांड की गाल में समा गये थे.

इस घोषणा के बाद उसे यह सुकून तो जरूर मिला है कि अब शराब के कारण किसी का बेटा, किसी का पति, किसी का भाई, तो नहीं मरेगा. अब किसी का घर शराब के कारण नहीं उजड़ेगा.

बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश ने शराबबंदी की जो घोषणा की थी उसे लागू कर विपक्षियों का मुंह जहां बंद किया है, वहीं महिलाओं को भी बड़ी राहत दी है. इस घोषणा के साथ नीतीश ने जहां अपना चुनावी वादा पूरा किया है, घोषणा के बाद सबसे ज्यादा खुशी महिलाओं में देखी गयी. महिलाएं इस घोषणा पर काफी खुश है.
अब उन्हें लगता है कि किसी का परिवार शराब के कारण बरबाद नहीं होगा. इस घोषणा के बाद महिलाओं के साथ-साथ समाज के प्रखर व बुद्धिजीवियों ने इसका समर्थन किया है. जिले में 175 शराब की दुकाने हैं, जिससे 100 करोड़ रुपये का राजस्व आता है. अब सवाल यह उठता है कि एक अप्रैल, 2016 से शराबबंदी पूर्ण रूप से लागू हो जायेगी, तो इससे जुड़े कारोबार व राजस्व का क्या होगा.
हर साल बढ़ते ही जा रहा था शराब का कारोबार : जिले में शराब का कारोबार और पीनेवाले की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी, जहां 2013-14 में 85 करोड़ रुपये राजस्व आया था, वहीं 2014-15 में यह बढ़ कर 100 करोड़ के पास पहुंच गया, जबकि 2015-16 में 113 करोड़ पहुंचने का अनुमान किया गया था. बता दें कि जिले में कुल 175 शराब की दुकानें है, जिसमें 53 देशी, 42 विदेशी और 80 कंपोजिट शराब की हैं दुकानें
लॉटरी के माध्यम से इस वर्ष आये थे 10 करोड़ 25 लाख रुपये : जिले में बढ़ते शराब के कारोबार के बाद राज्य सरकार इसका लाइसेंस लॉटरी के माध्यम से कर दिया है. इस वर्ष 10 करोड़ 25 लाख रुपये का राजस्व जिले को लॉटरी के माध्यम से आया था. वहीं पिछले वर्ष भी नौ करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई थी.
चिकित्सकों ने फैसले का किया स्वागत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शराबबंदी की घोषणा का चिकित्सकों ने स्वागत किया है. पूर्व अस्पताल उपाधीक्षक डॉ कुमार जितेंद्र ने कहा कि यह घोषणा राजहित में है. उन्होंने कहा कि इस घोषणा के बाद अपराध में भी कमी आयेगी. उन्होंने कहा कि थोड़ी बहुत परेशानी शुरुआत में आयेगी लेकिन इसके परिणाम अच्छे आयेंगे.

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