पीएलजीए ने दी कई नेताओं की हत्या करने की धमकी, चिपकाया परचा

आरा.जिले के नक्सल प्रभावित दक्षिणी इलाके के एक बार फिर खूनी संघर्ष की चपेट में माओवादियों के परचा चस्पाने के बाद आने की आशंका प्रबल हो गयी है. वहीं माओवादियों के निशाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह सहित कई विधायक है. माओवादियों ने सहार थाना क्षेत्र के सहार राजकीय कन्या मध्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2013 10:35 PM

आरा.जिले के नक्सल प्रभावित दक्षिणी इलाके के एक बार फिर खूनी संघर्ष की चपेट में माओवादियों के परचा चस्पाने के बाद आने की आशंका प्रबल हो गयी है. वहीं माओवादियों के निशाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह सहित कई विधायक है. माओवादियों ने सहार थाना क्षेत्र के सहार राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, आदर्श मध्य विद्यालय तथा सूर्यमंदिर पर हत्या करने संबंधित परचा चस्पा कर अपने मनसूबे का इजहार कर दिया है. परचा चस्पाने की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन का हाथ-पांव फूलना शुरू हो गया है. पुलिस ने सभी परचे का वीडियोग्राफी करा कर चस्पाये गये परचे को अपने कब्जे में ले लिया है. इसके साथ ही पुलिस प्रशासन घटना में शामिल माओवादी संगठन से जुड़े नेताओं की खोजबीन में जुट गयी है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये काम शरारती तत्वों का भी हो सकता है. साथ ही पुलिस परचा माओवादियों द्वारा चस्पाया गया है या नहीं इसकी गहनतापूर्वक जांच कर रही है. यदि इस घटना के पीछे माओवादियों का हाथ होगा, तो घटना को पुलिस अतिसंवेदनशील मान कर विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है.

माओवादियों के निशाने पर कौन-कौन हैं लोग

माओवादियों द्वारा चस्पाये गये परचे में बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मंत्री दिलराज सिंह, तरारी विधायक नरेंद्र कुमार उर्फ सुनील पांडेय, रण विजय सिंह, इंदू भूषण, विजय सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह, कौशल कुमार सिंह ठेकेदार, मुरारी शर्मा, लवकुश सिंह, कपिल पांडेय नाम शामिल हैं. परचे में लिखा गया है कि हमारी लड़ाई किसी एक विशेष भूमिहार जाति से नहीं बल्कि सामंतवाद, साम्राज्यवाद, दलाल, नौकरशाह और पूंजीवाद से है. आम जनता इस लड़ाई में कूद पड़े. भूमिहार जाति के खूंखार प्रतिक्रियावादियों में आम भूमिहार जाति के लोग अलग होकर गरीबी व अमीरी की लड़ाई में शामिल हो जाये. सांप्रदायिक पार्टी फासिस्ट (भाजपा ) तथा खूंखार प्रतिक्रियावादी के बहकावे में न पड़ें. बल्कि वर्णिय सेना तथा जातीय सेना के वर्ग संघर्ष आग में जला डाले. आम जनता से आह्वान है कि सामंती प्रतिक्रियावादी पक्ष-विपक्ष सत्ता में बराबर है. आम जनता इन्हें मार गिराये. इंदू भूषण के जातीय बहकावे में न आकर अपनी जान न गंवायें. बल्कि मान सम्मान, मर्यादा, अधिकार अर्थात समाजवाद की लड़ाई में शामिल हो जाये. पीएलजीए एवं संयुक्त मोरचा को मजबूत करें.

क्या कहते हैं एसपी

पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला शरारती तत्वों का प्रतीत होता है. फिर भी पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभिन्न बिंदुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है.

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