बिना डिग्री के बन गए कुलपति, हाईकोर्ट ने रद्द की नियुक्ति

पटना : पटना उच्च न्यायालय ने वीर कुंअर सिंह विवि के कुलपति प्रोफेसर अजहर हुसेन की नियुक्ति रद्द कर दी है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने कुलपति की नियुक्ति को चुनौती देने वाली प्रोफेसर रामतवज्ञा सिंह की लोक हित याचिका की सुनवाई के बाद अपना फैसला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 7:37 PM

पटना : पटना उच्च न्यायालय ने वीर कुंअर सिंह विवि के कुलपति प्रोफेसर अजहर हुसेन की नियुक्ति रद्द कर दी है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने कुलपति की नियुक्ति को चुनौती देने वाली प्रोफेसर रामतवज्ञा सिंह की लोक हित याचिका की सुनवाई के बाद अपना फैसला दिया. अपने चालीस पन्ने के फैसले में कोर्ट ने कहा कि डॉ. डी. वाइ. पाटील के कुलाधिपति काल में प्रोफेसर अजहर हुसेन की नियुक्ति बिना उचित डिग्री के हुई थी. प्रो हुसेन के पास 10 वर्षों का शैक्षणिक अनुभव नहीं है.

प्रो. हुसेन ने कहा था कि उनके पास विदेश में पढ़ाने का भी अनुभव है. लेकिन, कोर्ट में सुनवाई के दौरान वो अपना पासपोर्ट तक नहीं दिखला पाये. प्रो हुसेन ने कोर्ट के समक्ष जो अनुभव का रिकार्ड दिखलाया है वह आठ साल का ही है. कोर्ट ने अपने फैसले में कुलपति की अंग्रेजी भाषा की जानकारी पर भी सवाल उठाया. कोर्ट ने उनके अवकाश पर जाने के क्रम में लिखे गये एक आवेदन की प्रितसंल्गन करते हुए कहा कि कुलपति के पद पर ऐसे चमकदार व्यक्ति को बैठना चाहिए जिनसे छात्र कुछ सीख सकें. कोर्ट ने सरकार और कुलाधिपति को तत्काल नये कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि प्रो. अजहर हुसेन की नियुक्ति 30 जनवररी, 2014 को वीर कुंअर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के कुलपति पद के लिए हुई थी.

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