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चावल के अभाव में 372 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद

आरा : भोजपुर जिले के 1901 विद्यालयों में से 372 विद्यालयों में चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद हो गया है. भारतीय खाद्य निगम द्वारा चावल की आपूर्ति एमडीएम कार्यालय पर करीब तीन करोड़ रुपये बकाया के साथ तकनीकी कारणों से नहीं की जा रही है. चावल आपूर्ति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा […]

आरा : भोजपुर जिले के 1901 विद्यालयों में से 372 विद्यालयों में चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद हो गया है. भारतीय खाद्य निगम द्वारा चावल की आपूर्ति एमडीएम कार्यालय पर करीब तीन करोड़ रुपये बकाया के साथ तकनीकी कारणों से नहीं की जा रही है.
चावल आपूर्ति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा जिलाधिकारी द्वारा गठित आर्थिक समिति बनी हुई है. क्योंकि, आर्थिक समिति वैट व टैक्स को लेकर तकनीकी अड़चन पैदा कर चुकी है. नतीजतन पिछले कई दिनों से जिले के 372 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद पड़ा हुआ है. इसको लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम ने भारतीय खाद्य निगम और निदेशक एमडीएम निदेशालय को भी कई बार पत्र भेज चुके हैं, फिर भी इस तकनीकी अड़चन का समाधान प्रशासनिक स्तर से नहीं निकाला जा रहा है. ऐसे में जहां शिक्षा का अधिकार कानून और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन हो रहा है. वहीं, मध्यावकाश में विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चे एमडीएम के लाभ से वंचित हो रहे हैं.
विदित हो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी परिस्थिति में प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम योजना बंद नहीं किये जाने की सख्त हिदायत है. इसके अंतर्गत चावल और राशि के अभाव में भी वैकल्पिक प्रबंध कर विद्यालय प्रबंधन द्वारा अनवरत एमडीएम चालू रखने का भी सख्त निर्देश सरकार से प्राप्त है. फिर भी इसके प्रति प्रशासन के असंवेदनशील रवैये के कारण विद्यालयों में एमडीएम बंद है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम सुल्तान अहमद ने कहा कि जिले के 1901 विद्यालयों में से 372 विद्यालय में फिलहाल चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद हो गया है. चावल आपूर्ति को लेकर पत्राचार किया जा रहा है.

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