किशनगंज की युवती का हत्यारा निकला बीएसएफ का हवलदार

खुलासा. हत्या में प्रयुक्त चाकू, ब्लेड, मोबाइल और सिम किये गये बरामद कातिल कितना भी शातिर क्यों न हो, कोई न कोई सबुत छोड़ ही देता है, जो उसे सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए काफी होता है. एक माह पहले शाहपुर के बरीसवन से मिली क्षत-विक्षत युवती की लाश के मामले में कुछ ऐसा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2016 1:28 AM
खुलासा. हत्या में प्रयुक्त चाकू, ब्लेड, मोबाइल और सिम किये गये बरामद
कातिल कितना भी शातिर क्यों न हो, कोई न कोई सबुत छोड़ ही देता है, जो उसे सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए काफी होता है. एक माह पहले शाहपुर के बरीसवन से मिली क्षत-विक्षत युवती की लाश के मामले में कुछ ऐसा ही हुआ. पुलिस को घटना स्थल से कुछ दूरी पर महज बस का एक टिकट मिला था, जो पुलिस को हत्यारे के गिरेहबान तक पहुंचाने में काफी सािबत हुआ.
आरा : भोजपुर पुलिस ने एक माह पहले युवती की हुई हत्याकांड का खुलासा कर लिया है.हत्या में प्रयुक्त खुन से सना हुआ चाकू,कातिल का मोबाइल और सिम को भी बरामद कर लिया है. प्रेसवार्ता के दौरान एसपी ने बताया कि युवती की पहचान किशनगंज के वार्ड नं 34 के मझिया मोहल्ला निवासी नसीम की पुत्री शाहिन परवीन उर्फ गौरी के रूप में की गयी है.
इसकी सूचना भी पुलिस युवती के परिजनों को दे चुकी है.उन्होंने बताया कि शाहपुर थाना क्षेत्र के वरीसवन गांव निवासी शिवयोगी तिवारी का पुत्र कमलेश तिवारी किशनगंज में बीएसएफ के बटालियन नं 109 में हवलदार चालक के रूप में पदस्थापित है. इसी दौरान उसे एक लड़की से प्रेम हो गया. इस दौरान जवान ने यह बात भी छुपाये रखी की वह शादीशुदा है. 20 जनवरी को किशनगंज से छुट्टी लेकर अपने गांव आ रहा था. गौरी भी उसके साथ उसके घर जाने की जिद्द करने लगी. किशनगंज से दोनों बस से पटना पहुंचे.
इसके बाद कमलेश ने वरीसवन ले जाने के क्रम में ही गांव के बिमारी नदी के पास उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. शव की शिनाख्त नहीं हो सके इसके लिए चाकु से चेहरे को क्षत-विक्षत कर घर चला गया. 21 जनवरी को पुलिस ने शव को वरीसवन गांव के नदी के समीप से बरामद किया.कांड के उद्भेदन को लेकर प्रशिक्षु एसपी दयाशंकर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. जिसमें प्रशिक्षु डीएसपी रिशु कृष्णा के साथ डीआइयू की टीम को रखा गया.घटना के ठीक एक माह बाद पुलिस ने मामले का खुलासा कर लिया.
केश के अनुसंधान में अहम कड़ी साबित हुआ बस का टिकट : पुलिस को यह केश पूरी तरह से अंधेरे में तीर मारने जैसा था. शव का चेहरा इस कदर कर दिया गया था कि उसकी पहचान नहीं हो सकती थी .
भोजपुर के पुलिस कप्तान ने घटना स्थल का मुआयना करने के लिए प्रशिक्षु एसपी दयाशंकर और डीएसपी को भेजा. वहां पर दोनों घटना स्थल का मुआयना कर ही रहे थे कि कुछ दूरी पर बस का टिकट दिखाई पड़ा. जो किशनगंज से लेकर पटना तक का था.
टिकट के पीछे दिये गये नंबर पर जब पुलिस ने संर्पक किया तो यह तो पता चल गया कि किशनगंज से दो लोग पटना आये हुए हैं. इसी बीच इस केश से जुड़ी एक अहम चीज भी पुलिस के हाथ लग गयी. पुलिस ने जब मोबाइल का डाटा और टावर लोकेशन का पता लगाया तो कई संदिग्ध नंबर मिले जिसके अाधार पर पुलिस कांड का अनुसंधान करते हुए कातिल तक पहुंच गयी.
पहले गला दबाया फिर चाकू से काटा
गिरफ्तार बीएसफ का हवलदार कमलेश ने पुलिस के पूछताछ के दौरान बताया कि पहले गौरी की हत्या गला दबा कर कर दी.इसके बाद शव की शिनाख्त नहीं हो इसके लिए बैग में रखे चाकु से उसके चेहरे को क्षत-विक्षत कर दिया. पुलिस इस मामले में जुटी है कि युवती की हत्या में किसी और का हाथ है या कमलेश ने अकेले ही घटना को अंजाम दिया है. हवलदार का एक बेटा भी है.
नशीला पदार्थ खिला हत्या ताे नहीं की?
पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि हत्या करने के पहले कमलेश ने उसे नशे की कोई वस्तु तो नहीं खिला दी थी.ताकि हत्या करते वक्त उसका विरोध गौरी नहीं कर सके. इस मामले में पुलिस कमलेश को रिमांड पर लेकर भी पूछताछ करेगी. युवती के पिता नसीम किशनगंज में ही राजमिस्त्री का काम करता है.

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