लाखों खर्च, फिर भी अंधेरा

कुव्यवस्था. छह माह पूर्व मुख्य मार्ग पर लगी थीं लेड लाइटें आरा : लाखों रुपये की लागत से शहर के मुख्य मार्ग पर लेड लाइटें लगायी गयीं थीं, जो आज महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. विगत छह माह पूर्व बड़ी मठिया से लेकर स्टेशन तक द्रुत गति से सड़क के किनारे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2016 7:24 AM
कुव्यवस्था. छह माह पूर्व मुख्य मार्ग पर लगी थीं लेड लाइटें
आरा : लाखों रुपये की लागत से शहर के मुख्य मार्ग पर लेड लाइटें लगायी गयीं थीं, जो आज महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. विगत छह माह पूर्व बड़ी मठिया से लेकर स्टेशन तक द्रुत गति से सड़क के किनारे खंभे गाड़ कर उस पर लेड लाइटें लगायी गयी थीं. उस वक्त कहा गया था कि लेड लाइटों से बिजली की खपत कम होगी और लो वोल्टेज में भी तेज रोशनी देगी.
लगने के बाद दो-तीन दिनों तक लेड लाइटों की रोशनी से सड़क जगमग रही और राहगीरों को भी आवागमन में काफी सुविधा महसूस हुई. लेकिन, यह स्थिति महज दो-तीन दिन तक ही रही. इसके बाद लेड लाइटें ऐसी बुझीं की आज तक नहीं जली और इसे फिर से जलाने की दिशा में आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया. वहीं, नगरवासियों ने इसमें लाखों रुपये के गबन की आशंका व्यक्त की है. उनका कहना है कि घटिया ब्रांड की लेड लाइटें लगा दी गयी थीं, जिससे महज तीन दिन में ही खराब हो गयी.
रात में रेल यात्रियों से छिनतई की आशंका बढ़ी
आरा रेलवे स्टेशन 24 घंटे व्यस्त रहता है. रेल यात्री रात में भी रिक्शा, ऑटो या पैदल अपने गंतव्य के लिए चल देते हैं. लेकिन, मुख्य सड़क पर अंधेरा रहने से चोर-उच्चकों का हर समय डर बना रहता है. महीने में आठ से 10 छिनतई की घटनाएं होना आम बात हो गयी है. वहीं अपराधी अंधेरे का लाभ उठा कर भाग निकलते हैं.
कहते हैं नगर आयुक्त
निगम के नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि यह कार्य बिहार सरकार की गुडको एजेंसी ने करायी थी. इसके लिए निगम जिम्मेवार नहीं है. वैसे निगम द्वारा इस संबंध में एजेंसी को पत्र लिखा गया है. गुडको की टीम जल्द आयेगी और उसे ठीक कर तीन माह तक सुचारु रूप से जला कर दिखायेगी. इसके बाद ही निगम अपने अधीन में लेगी.

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