फितरे की रकम से 40 हजार गरीब मनायेंगे ईद

हर फर्द पर फितरा देने की रकम 45 रुपये आरा : रमजान के मुबारक महीने में मुसलमान भाई कई तरह के दान करते हैं. उनमें एक फितरा भी है. इस बार हरेक फर्द पर फितरा देने की रकम 35 रुपये तय की गयी है. यह साल गेहूं, सत्तू, चावल या अन्य अनाज की कीमत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2016 7:48 AM
हर फर्द पर फितरा देने की रकम 45 रुपये
आरा : रमजान के मुबारक महीने में मुसलमान भाई कई तरह के दान करते हैं. उनमें एक फितरा भी है. इस बार हरेक फर्द पर फितरा देने की रकम 35 रुपये तय की गयी है. यह साल गेहूं, सत्तू, चावल या अन्य अनाज की कीमत के आधार पर घटती-बढ़ती रहती है. फितरा उन पर वाजिब है, जिनके पास एक साल में बाल-बच्चों की परवरिश करने और सारा खर्च काट कर उनके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े 52 तोला चांदी हो या फिर इन दोनों में से एक के बराबर संपत्ति हो. वर्तमान में सोने का वजन 87 ग्राम 37 मिलीग्राम और चांदी का वजन 611 ग्राम है.
भोजपुर जिले में करीब आठ लाख लोगों की तरफ से फितरे की रकम निकाली जायेगी, जो लगभग दो करोड़ 80 लाख रुपये होगी. इस रकम से जिले के लगभग 40 हजार गरीबों, मुफलिसों, असहायों के घरों में ईद की खुशियां मनायी जायेंगी. यहीं नहीं, इस रकम से भोजपुर समेत राज्य के उन मदरसों को भी आर्थिक मदद मिलेगी, जहां गरीब व यतीम बच्चे पढ़ते हैं.
रमजान में फितरा क्यों : बड़ी मसजिद के मौलाना फरमाते हैं कि हदीस में इस बात का जिक्र है कि रमजान में ही साहिबे निसाब यानी जिनके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े 52 तोला चांदी या फिर इन दोनों में से किसी के एक बराबर संपत्ति हो, वे फितरा दें. रमजान के खत्म होते ही ईद होती है. ईद की खुशी में गरीब, मुफलिस भी आपके साथ शामिल हों इसलिए इसी माह में फितरा निकालने का हुक्म है.
फितरा गरीब को ही दें : बड़ी मसजिद के मौलाना ने बताया कि फितरे की रकम गरीबों को देनी चाहिए. अगर आपका रिश्तेदार, पड़ोसी गरीब हो, तो उसे भी इसकी रकम दे दें. सही मायने में फितरे की रकम पर गरीबों का ही हक है, ताकि वे ईद की खुशी में आपके साथ शरीक हो सकें.
फितरा रोजेदारों की ढाल है : हदीस में इस बात का जिक्र है कि फितरा रोजेदारों की ढाल है.अगर एक महीने तक रोजा रखने के दौरान कुछ कमी हो गयी, तो फितरा रोजेदारों के लिए रोजे की हिफाजत का काम करता है.

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