सप्लाइ पानी नहीं मिलने से बढ़ी लोगों की परेशानी
पाइप लाइन जाम होने की शिकायत कोईलवर : पीएचइडी के लुंजपुंज रवैये के कारण विगत छह माह से सप्लाइ पानी नहीं मिल रहा है़, जिससे वार्ड 3, 5 व 13 के नगरवासियों को पानी के लिए दर- दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा हैं. नगर पंचायत, कोईलवर में पीएचइडी की जलमीनार से नगर पंचायत […]
पाइप लाइन जाम होने की शिकायत
कोईलवर : पीएचइडी के लुंजपुंज रवैये के कारण विगत छह माह से सप्लाइ पानी नहीं मिल रहा है़, जिससे वार्ड 3, 5 व 13 के नगरवासियों को पानी के लिए दर- दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा हैं. नगर पंचायत, कोईलवर में पीएचइडी की जलमीनार से नगर पंचायत को आपूर्ति होनेवाले पानी से नगर के आधे से उपभोक्ताओं द्वारा बार-बार शिकायत किये जाने के बावजूद पीएचइडी कर्मियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है़
इधर दिन प्रतिदिन तापमान में बढ़ोतरी के साथ-साथ गरमी परवान चढ़ रहा है और इसके साथ लोग पानी के लिए मारे फिर रहे हैं. भू-जल स्तर के अत्यधिक नीचे खिसकने के कारण पारंपरिक जलस्रोत पहले ही जवाब दे चुके हैं. इस स्थिति में जलमीनार से मिलनेवाली सप्लाइ पानी ही एकमात्र सहारा है. बताते चलें कि कोईलवर में सप्लाइ पानी के उपभोक्ताओं की संख्या एक हजार के आसपास है़ पीएचइडी के पदाधिकारियों का कहना है कि सप्लाइ पानी का कनेक्शन ज्यादा होने और मोटर लगा पाइपलाइन से पानी खींचने के कारण उपभोक्ताओं के घर तक पानी नहीं पहुंच रहा है़ बावजूद इसके नगर पंचायत, कोईलवर में धड़ल्ले से नया कनेक्शन मुहैया कराया जा रहा है़
कई महीने से नहीं मिल रहा पानी
नगर पंचायत के आधे से अधिक वार्ड में जलमीनार से मिलनेवाली जलापूर्ति ठप है़. कुछ वार्डों में पानी ठीकठाक मिल रहा है़. वहीं कुछ वार्ड में विभाग द्वारा लगाये गये स्टैंड पोस्ट से पानी रिस- रिस कर आ रहा है, जबकि अन्य वार्ड में पानी आ ही नहीं रहा़ है. वहीं नगर में कई स्टैंड पोस्ट ऐसे हैं, जहां मामूली खराबी की वजह से दिन भर पानी गिरता रहता है़ लोग बताते हैं नगर पंचायत व प्रतिनिधि फंड से लगाये गये कुछ चापाकलों से उन्हें पेयजल मिल पा रहा है़ उसके लिए भी लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है़
पाइपलाइन में है खराबी
स्थानीय पलंबरों की मानें, तो मुख्य पाइप लाइन के वार्ड पांच में स्थित मसजिद के आस-पास पाइप लाइन में कुछ जाम होने से ऐसी समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसके बाद पानी का बहाव रुक सकता है़ इससे पहले भी वार्ड छह में पाइप लाइन जाम की सूचना थी, जिसे दुरुस्त कराने के बाद कुछ समय के लिए पानी ठीक-ठाक मिल रहा था़
जल्द ही समस्या से मिलेगी निजात
वार्ड पांच के मुख्य पाइप में जाम की शिकायत उपभोक्ताओं से मिल रही है़ इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दे दी गयी है लेकिन कब तक उपभोक्ताओं को पानी मुहैया कराया जायेगा. इस संबध में कुछ भी बोलने से परहेज किया़.
मिथिलेश कुमार, पीएचइडी के कनीय अभियंता
अश्लील गीत बजाने से मना करने पर पीटा
संदेश़ थाना क्षेत्र के बिछिआंव गांव में कोचिंग सेंटर के सामने बज रहे अश्लील गीत बजाने से मना किया, तो नामजदों ने पीट कर पिता-पुत्र को जख्मी कर दिया़ जख्मी पिता पुत्र को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया गया़ इधर जख्मी की मां द्वारा संदेश थाने में आठ लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है़
मिली जानकारी के अनुसार बिछिआंव गांव में मोबाइल पर गाना बजाने के दौरान दो पक्षों में जम कर मारपीट हुई़ इस घटना में नामजदों ने श्रवण शर्मा को पीट-पीट कर जख्मी कर दिया़ इस मामले में जख्मी श्रवण कुमार की पत्नी कुसुम देवी ने स्थानीय थाने में लिखित आवेदन देकर सुनील कुमार सहित आठ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है़ थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि इस मामले में कांड संख्या 101/16 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है़ वहीं दूसरे पक्ष के लोग भी जख्मी है, उनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है़
15 साल बाद भी किसानों को नहीं मिली बोरिंग, नहीं लौट सकी राशि
चरपोखरी़ प्रखंड की विभिन्न पंचायत के सैकड़ों किसानों ने सरकार की लाभकारी योजना लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत बोरिंग लगाने के लिए लाखों रुपये की राशि प्रखंड नजारत में लगभग 15 साल पहले किसानों ने जमा किया था, लेकिन अब तक किसानों को नहीं बोरिंग लग सकी और न ही राशि लौटायी गयी़ बताया जाता हैं
कि 1995-96 में सरकार द्वारा किसानों 90 प्रतिशत अनुदान राशि देते हुए 10 प्रतिशत की राशि जमा करा कर बोरिंग लगाये जाने का कार्य प्रखंड द्वारा कराया जा रहा था़ इस दौरान प्रखंड के लगभग 125 किसानों ने बोरिंग लगाने के लिए 60 फुट पर 600 रुपया और 160 फुट के लिए 1600 रुपये की राशि जमा किये थे़ लेकिन उक्त किसानों का बोरिंग नहीं लग पाया़
बोरिंग नहीं लगने के बाद किसानों ने प्रखंड एवं जिला स्तर के अधिकारियों तक राशि वापस लौटाने के लिए बार-बार गुहार लगाते रहे़ लेकिन किसानों की राशि अब तक नहीं लौटायी जा सकती है़ इस संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा जानकारी नहीं होने की बात बतायी जाती है़ बताया जाता है कि 15 साल पहले का मामला है, जिसके बारे में जानकारी ली जायेगी़