दर्जा ‘ए’ ग्रेड और सुविधा थर्ड क्लास
आरा रेलवे स्टेशन. राजस्व में अव्वल, पर यात्रियों को नहीं मिल रही सुविधा नियमित सफाई नहीं होने से चारों ओर फैली रहती है गंदगी आरा : दर्जा ‘ए’ ग्रेड का और सुविधा थर्ड क्लास लायक भी नहीं है. यह हाल है मॉडल् स्टेशन के लिए चयनित आरा रेलवे स्टेशन का. राजस्व में अव्वल रहने के […]
आरा रेलवे स्टेशन. राजस्व में अव्वल, पर यात्रियों को नहीं मिल रही सुविधा
नियमित सफाई नहीं होने से चारों ओर फैली रहती है गंदगी
आरा : दर्जा ‘ए’ ग्रेड का और सुविधा थर्ड क्लास लायक भी नहीं है. यह हाल है मॉडल् स्टेशन के लिए चयनित आरा रेलवे स्टेशन का. राजस्व में अव्वल रहने के बावजूद इस स्टेशन पर यात्रियों को उचित सुविधा नहीं मिल रही है. सफाई से लेकर बिजली व पानी तक की उचित व्यवस्था नहीं है. सफाई के अभाव में स्टेशन परिसर में चारो ओर गंदगी फैली रहती है. हालात ऐसे हैं कि स्टेशन परिसर पहुंचते ही गंदगी से सामना होने लगती है.
सीढ़ी से लेकर प्लेटफार्म तक जगह-जगह कागज के ठोंगे व प्लास्टिक के बैग बिखरे रहते हैं. स्टेशन परिसर में बनाए गए यूरिनल से चारों ओर बदबू आती रहती है. ऐसे में यात्रियों को गंदगी व दुर्गंध के बीच ही प्लेटफार्म पर ट्रेनों का इंजतार करने को विवश होना पड़ रहा है. हालांकि ऐसी बात नहीं है कि रेल प्रशासन द्वारा सफाई की व्यवस्था नहीं की गयी है,
पर सफाई के लिए अधिकृत एजेंसी द्वारा उचित सफाई नहीं की जाती है. रेलवे के आला अफसरों के निरीक्षण के दौरान हमेशा सफाई को लेकर स्थानीय अफसरों को फटकार सुननी पड़ती है. इसके अलावा प्लेटफार्म पर लगाए गए पंखे भी कभी-कभी बंद मिल जाते हैं. इसका नजारा शनिवार को देखने मिला. इस दौरान बिजली नहीं रहने के कारण प्लेटफार्म के सभी पंखे बंद थे. इससे लोगों को उमस भरी गर्मी में ट्रेन का इंतजार करते देखा गया. दूसरी ओर वेटिंग रूम की क्षमता उचित सुविधा नहीं होने के कारण यात्रियों को प्लेटाफार्म पर ही रात काटते हुए देखा जा सकता है.
वाहनों का स्टैंड बनकर रह गया स्टेशन परिसर
रेल अफसरों की उदासीनता की वजह से रेलवे स्टेशन परिसर वाहन स्टैंड बनकर रह गया है. परिसर में हमेशा दर्जनों छोटी-बड़ी गाड़ियां लगी रहती है. प्रचार गाड़ी से लेकर ठेला व ऑटो भी लगे रहते हैं. ऐसे में यात्रियों को प्लेटफार्म से आने-जाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. यात्रियों की माने तो गाड़ियों की भीड़ व आड़े-तिरछे वाहन लगा देने से कभी-कभी गाड़ी भी छूट जाती है.
इसका विरोध करने पर चालक नोक-झोंक पर भी उतर जाते हैं.
बता दें कि वरीय अफसरों के हर निरीक्षण में यह मामला उठाया जाता है और उस पर निर्देश भी दिए जाते हैं. उसके बाद कुछ देर के लिए वाहनों को हटा दिया जाता है, परंतु अफसरों के जाने के साथ वाहनों का ठहराव शुरू हो जाता है. गौरतलब हो कि कुछ दिन पहले आरा पहुंचे डीआरएम द्वारा आरपीएफ को अवैध रूप से लगने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था. इसके बावजूद वाहनों के ठहराव पर रोक नहीं लगायी जा रही है.
नहीं लगा एक्सीलेटर, पुराने फुट ओवरब्रिज की नहीं हो सकी मरम्मत
रेल प्रशासन यात्रियों को सुविधा देने में विफल साबित हो रहा है. घोषणा के बावजूद न तो एक्सीलटेर लगाया जा सका और नहीं पुराने फुट ओवरब्रिज की मरम्मत करायी जा सकी.
बता दें कि यात्रियों की मांग को देखते हुए रेल प्रशासन द्वारा एक्सीलेटर लगाने व ओवरब्रिज की मरम्मत कराने की घोषणा की गयी थी. इसके बावजूद पुराने फुट ओवरब्रिज की मरम्मत नहीं की जा सकी है. इससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.
बता दें कि पुराना ओवरब्रिज काफी जर्जर हो चुकी है. लोहे से बनी सीढ़ी में जंग लग चुके हैं. इसके अलावा ओवरब्रिज की चौड़ाई भी काफी कम है. ऐसे में किसी ट्रेन के आने पर यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है. सूत्रों की मानें, तो अगर मरम्मत नहीं करायी गयी, तो कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
यात्रियों को उचित सुविध देने का प्रयास जारी है. रेल मंत्रालय द्वारा कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही है. जहां तक सफाई व्यवस्था की बात है तो इसकी जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग को दी गयी है. आउटसोर्सिंग से जुड़े लोगों को समय-समय पर निर्देश भी दिया जाता है. इसके बावजूद अगर सफाई में कोताही बरतने की शिकायत मिली तो कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी. स्टेशन परिसर में अवैध तरीके से वाहन लगाने वालों के खिलाफ हमेशा कार्रवाई की जाती है.
एस एन पाठक, वरीय स्टेशन प्रबंधक, आरा
माह में करीब तीन करोड़ की होती है आमदनी
आरा रेलवे स्टेशन राजस्व के मामले में दानापुर रेलमंडल में दूसरे स्थान पर है. इस स्टेशन से प्रतिमाह करीब तीन करोड़ की आमदनी होती है. रेल सूत्रों की माने तो पिछले मई माह में 3 करोड़ 59 लाख की आमदनी हुई थी. उसके पहले अप्रैल माह में 2 करोड़ 46 लाख से अधिक का राजस्व प्राप्त् हुआ था. जानकारी के अनुसार इस स्टेशन से रोजाना करीब 16 हजार लोग ट्रेन का सफर करते हैं.