इलाज के दौरान पटना में हुई युवक की माैत

आरा़ : सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई. अस्पताल में न सूई थी और न दवा हालात ऐसे थे कि युवक को ऑक्सीजन के लिए तड़पना पड़ा. दवा बाहर से आयी, सूई बाहर से आयी, ऑक्सीजन खत्म और युवक की सांस खुद टूटने लगी. जख्मी बार-बार चिल्लाता रहा ऑक्सीजन दो, ऑक्सीजन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2016 4:38 AM

आरा़ : सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई. अस्पताल में न सूई थी और न दवा हालात ऐसे थे कि युवक को ऑक्सीजन के लिए तड़पना पड़ा. दवा बाहर से आयी, सूई बाहर से आयी, ऑक्सीजन खत्म और युवक की सांस खुद टूटने लगी. जख्मी बार-बार चिल्लाता रहा ऑक्सीजन दो,

ऑक्सीजन दो. बगल के कमरे में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉक्टर केएन सिन्हा दौड़ कर पहुंचे और वहां तैनात कर्मियों को डांट पिलाते हुए कहा कि, कहीं से भी ऑक्सीजन व्यवस्था करो. मरीज की हालत और खराब होने लगी, तब लगा कि इसकी सांस टूट जायेगी. तभी उसके पिता जयंत दूबे पहुंचे और मददगारों के कहने पर तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था की और जख्मी केशव दुबे को ऑक्सीजन लगा कर पटना ले कर चले गये.

दोस्तों ने छोड़ा साथ, तो राहगीरों ने की मदद
बुधवार को सुबह तीन मोटरसाइकिल पर सवार दोस्त अतिव्यस्त इलाकेवाली सड़क पर 80 से ज्यादा की स्पीड में मोटरसाइकिल चला रहे थे, उन्हीं में से एक मोटरसाइकिल सवार के पीछे केशव दुबे भी बैठा था. अचानक हरि जी के हाता के मोड़ स्थित मनोरंजन डॉक्टर के सामने विपरीत दिशा से आ रही बाइक से ठोकर लग गयी और फिल्मी स्टाइल में केशव मोटरसाइकिल के साथ गिर पड़ा.
घटनास्थल पर खड़े दोस्त उसके गिरते ही भाग खड़े हुए, लेकिन रास्ते से गुजर रहे मेराज नाम के एक पत्रकार ने जख्मी युवक को ऑटो पर लादा और इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया. वहीं युवक का पटना में इलाज के दौरान मौत हो गयी.

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