पहले भी हो चुकी है मूर्तियों की चोरी
पीरो : पीटरो गांव स्थित मठ से अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियों की चोरी की घटना अनुमंडल क्षेत्र की पहली घटना नहीं है. इसके पूर्व भी बेखौफ अपराधी मठ और ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियों की चोरी की घटना को सफलता पूर्वक अंजाम दे चुके हैं. सबसे दीगर बात तो यह है कि मूर्ति चोरी […]
पीरो : पीटरो गांव स्थित मठ से अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियों की चोरी की घटना अनुमंडल क्षेत्र की पहली घटना नहीं है. इसके पूर्व भी बेखौफ अपराधी मठ और ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियों की चोरी की घटना को सफलता पूर्वक अंजाम दे चुके हैं.
सबसे दीगर बात तो यह है कि मूर्ति चोरी की घटनाओं के कई माह और साल बीतने के बावजूद अनुमंडल पुलिस मूर्ति चोरी की उन घटनाओं का उद्भेदन करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. इसे पुलिस मकहमे की लापरवाही कहे या कार्यशैली में शिथिलता, लेकिन शायद यही वजह है कि अपराधी बेखौफ होकर बहुमूल्य मूर्तियों की चोरी की घटनाओं को अंजाम देने में लगे हुए हैं.
पीरो थाना क्षेत्र के बैसाडीह स्थित तोताद्री मठ और अकरूआं स्थित ठाकुरबाड़ी से बहुमूल्य अष्टधातु की मूर्तियों की चोरी किये जाने के बाद अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत पीटरो स्थित मठ में ही अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियां बची हुई थी, जिन्हें बीती रात्रि हथियारबंद अपराधियों ने दुस्साहस का परिचय देते हुए चोरी कर ली.
इस घटना में भगवान की रक्षा करते हुए मठ के पुजारी शिवनारायण दास को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा. 25 नवंबर, 2012 को अकरूआं गांव स्थित ठाकुरबाड़ी से ठाकुरजी की अष्टधातु की मूर्ति अपराधियों द्वारा चोरी कर ली गयी थी. इससे पहले लगभग दो साल पूर्व बैसाडीह गांव स्थित तोताद्री मठ से अज्ञात अपराधियों ने राम-जानकी सहित अन्य बहुमूल्य मूर्तियों की चोरी को अंजाम दिया था.
तोताद्री मठ में भी चोरी के दौरान विरोध करने पर मठ के महंत को अपराधियों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा था. बैसाडीह और अकरूआं से हुई मूर्ति चोरी के मामले पहले से ही अनुमंडल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. अब देखना यह है कि पीटरो गांव में बहुमूल्य मूर्तियों की चोरी के साथ पुजारी की निर्मम हत्या के मामले के उद्भेदन में पुलिसिया कार्रवाई पुराने ढर्रे पर ही चलती है या कुछ नया देखने को मिलता है.