12 किलोमीटर जाने में एक घंटा

परेशानी. सकड्डी-संदेश 12 किमी सड़क पर गड्ढों की भरमार स्कूली बच्चों व महिलाओं को आने-जाने में होती है परेशानी इस सड़क से जाने से इनकार कर देते है वाहनचालक सकड्डी-संदेश भाया अखगांव सड़क पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गयी है. इसके कारण आम राहगीरों व वाहनों को आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2016 4:00 AM

परेशानी. सकड्डी-संदेश 12 किमी सड़क पर गड्ढों की भरमार

स्कूली बच्चों व महिलाओं को आने-जाने में होती है परेशानी
इस सड़क से जाने से इनकार कर देते है वाहनचालक
सकड्डी-संदेश भाया अखगांव सड़क पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गयी है. इसके कारण आम राहगीरों व वाहनों को आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क की जर्जरता का आलम यह है कि इस सड़क पर कभी , किसी समय कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. लेकिन प्रशासन या सरकार के नुमाइंदों की जरा भी चिंता नहीं है. सबसे बुरी स्थिति अखगांव के पास है, जहां सड़क पर तीन फुट के गड्ढे हो गये हैं और उनमें जलजमाव हो गया है.
कोइलवर : राज्य सरकार द्वारा एक ओर सभी सड़कों को चकाचक करने का काम तेजी से हो रहा है. वहीं सकड्डी- संदेश भाया अखगांव सड़क की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. मात्र 12 किलोमीटर सड़क पर हजारों स्थानों पर गड्ढे-ही-गड्ढे नजर आते है़ं. इसके कारण ऑटो या अन्य छोटे वाहन जाने में गुरेज करते हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है़. रूपचकिया, कोशीहान, भगवतपुर, गोपालपुर, अखंगाव समेत कई जगहों पर हजारों गड्ढे बन गये हैं, जिनमें नाली व बरसात का गंदा पानी जमा रहता है. इसके कारण छोटे वाहन चालक फंस कर प्राय: जख्मी होते रहते है़. स्थिति ऐसी है कि 12 किलोमीटर के इस पथ को पार करने में छोटे वाहनों को एक घंटा लगता है़. वहीं जलजमाव के कारण वाहनचालक जाने से भी मुकरते रहे हैं.
अखगांव बाजार में सड़क पर जमा है तीन फुट पानी : अखगांव बाजार की स्थिति ऐसी है कि यहां सड़क पर तीन फुट बरसात व नाली का गंदा पानी जमा है. इसके कारण स्कूली बच्चों से लेकर राहगीरों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है. पानी भरे गड्ढे में प्रतिदिन कई सवारी गाड़ियां फंस जाती हैं. वहीं बाइक सवार यात्री गंभीर जख्मी होते है़ं.
प्रतिनिधियों को नहीं है इसकी चिंता : लोगों की मानें, तो सांसद से लेकर स्थानीय प्रतिनिधियों को जनता की समस्या से कोई सरोकार नहीं है. पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने तो इस क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया. नये प्रतिनिधि आने के बाद इस पथ के चकाचक होने की उम्मीद बढ़ी थी, लेकिन उनका भी ध्यान अभी तक नहीं गया है, जिससे क्षेत्र के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं. हालांकि इस पथ के जीर्णोद्धार के लिए दो बार टेंडर कराया गया, लेकिन ठेकेदार बीच में कार्य छोड़ गये.

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