तीयर में नहीं थम रहा डायरिया का प्रकोप

बिहिया : प्रखंड के तीयर पंचायत में विगत एक सप्ताह से फैले डायरिया का प्रकोप थमता नजर नहीं आ रहा है़ गुरुवार को बिहिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीयर के दो मरीजों धीरज कुमार (5 वर्ष) व चिंता देवी को भरती कराया गया. धीरज की स्थिति में सुधार होता नहीं देख चिकित्सकों ने उसे सदर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2016 5:07 AM

बिहिया : प्रखंड के तीयर पंचायत में विगत एक सप्ताह से फैले डायरिया का प्रकोप थमता नजर नहीं आ रहा है़ गुरुवार को बिहिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीयर के दो मरीजों धीरज कुमार (5 वर्ष) व चिंता देवी को भरती कराया गया. धीरज की स्थिति में सुधार होता नहीं देख चिकित्सकों ने उसे सदर अस्पताल आरा रेफर कर दिया गया़ वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीयर गांव में खोले गये कैंप में एक भी

मरीज के नहीं आने की बात विभाग द्वारा बतायी जा रही है़ तीयर पंचायत के मुखिया रामजी यादव के अनुसार गुरुवार की दोपहर बाद से डायरिया पीड़ित लगभग आधा दर्जन लोगों की तबीयत खराब हो गयी, जिनका गांव के ही चिकित्सकों की देखरेख में उनके घरों पर इलाज कराया जा रहा है़

मुखिया के अनुसार गांव के शिव कुमार ठाकुर की पत्नी रीता देवी, राजू यादव की पुत्री पूजा कुमारी के अलावा रामजीत यादव के घर के दो सदस्यों का इलाज गांव में ही किया जा रहा है़ मुखिया ने दूरभाष पर बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में लगाये गये कैंप में गुरुवार की शाम में किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के नहीं रहने से प्रभावित लोगों के उपचार में परेशानी झेलनी पड़ रही है़ मालूम हो कि विगत एक सप्ताह से बिहिया प्रखंड के तीयर गांव में डायरिया का प्रकोप फैलने से लगभग तीन दर्जन से अधिक लोग आक्रांत हुए़ डायरिया से आक्रांत लोगों का विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में भी इलाज कराया गया.

गंदगी से फैली बीमारी : तीयर गांव में डायरिया रोग के फैलने का कारण गांव में गंदगी होना बताया जा रहा है़ गांव में कीचड़ व जलजमाव रहना तथा कूड़ा-कचरा एकत्र रहना डायरिया का कारण बना हुआ है़ ग्रामीणों के अनुसार रोग फैलने का कारण सड़ा हुआ प्याज भी बताया जा रहा है़ जानकारी के अनुसार गांव में लोगों ने काफी मात्रा में प्याज का स्टोर किया हुआ है. सड़े हुए प्याज को जहां-तहां फेंक देने से स्थिति विकट हो गयी है़ हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि गांव में डायरिया से बचाव के लिए डीडीटी व गैमेक्सिल पाउडर का छिड़काव कराया गया है ताकि रोग को फैलने से रोका जा सके़

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