रविशंकर की कविताएं हैं जीवनधर्मी : नीरज

पुस्तकालय में जनवादी लेखक संघ की बैठक में शामिल लोग. आरा : रविशंकर सिंह की कविताएं जीवनधर्मी कविताएं हैं. उनमें आम लोगों के सवाल हैं और उनका जवाब तलाशने की कोशिश है. जनता के बेहतर भविष्य के पक्ष में क्या उचित है, यह काव्य विवेक इनमें हैं. उक्त बातें स्थानीय प्रचारिणी पुस्तकालय के सभागार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2016 6:22 AM

पुस्तकालय में जनवादी लेखक संघ की बैठक में शामिल लोग.

आरा : रविशंकर सिंह की कविताएं जीवनधर्मी कविताएं हैं. उनमें आम लोगों के सवाल हैं और उनका जवाब तलाशने की कोशिश है. जनता के बेहतर भविष्य के पक्ष में क्या उचित है, यह काव्य विवेक इनमें हैं. उक्त बातें स्थानीय प्रचारिणी पुस्तकालय के सभागार में कवि, चित्रकार रविशंकर सिंह के एकल कविता पाठ की अध्यक्षता करते हुए कथाकार नीरज सिंह ने कहीं. अध्यक्ष मंडल के दूसरे सदस्य जीतेंद्र कुमार ने कहा कि रविशंकर सिंह प्रेम, प्रकृति व संवेदना को बचाने वाले कवि हैं.
किसान जीवन की सच्चाइयों को इनकी कविताएं अभिव्यक्त करती हैं. वहीं कवि जगतनंदन सहाय ने कागा कविता की चर्चा करते हुए कहा कि कागा ग्लोबल गांव के मुखिया की तरह हैं. वरिष्ठ कवि जगदीश नलिन ने कवि के बेहतर भविष्य की कामना की. इसके पूर्व रविशंकर सिंह ने अपनी 25 कविताओं का पाठ किया. संचालन कवि सुनील श्रीवास्तव ने किया. इस मौके पर जनमत के संपादक सुधीर सुमन, राकेश दिवाकर, ओम प्रकाश मिश्र, अरुण शीतांष, जनार्दन मिश्र, संतोष श्रेयांश, राजाराम प्रियदर्शी, इम्तेयाज अहमद आदि उपस्थित थे.
, अरविंद अनुराग, आशुतोष कुमार पांडेय, मुकेश सिन्हा, संजीव सिन्हा आदि उपस्थित थे.

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