बारिश से सदर अस्पताल की स्थिति बदतर मरीजों व परिजनों को हो रही आने-जाने में परेशानी
आरा : सोमवार की हुई झमाझम बारिश ने सदर अस्पताल की असली हकिकत व्या कर दी. नारकीय स्थिति से भी बदतर सोमवार को सदर अस्पताल का हाल रहा. असली हकीकत बरसात के पानी ने खोल कर रख दी. जिले भर में वैसे तो बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी सदर अस्पताल में […]
आरा : सोमवार की हुई झमाझम बारिश ने सदर अस्पताल की असली हकिकत व्या कर दी. नारकीय स्थिति से भी बदतर सोमवार को सदर अस्पताल का हाल रहा. असली हकीकत बरसात के पानी ने खोल कर रख दी. जिले भर में वैसे तो बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी सदर अस्पताल में बाहर से आये मरीजों, अस्पताल कर्मियों एवं अधिकारियों को उठानी पड़ी. रोज-रोज दावा करने वाले नगर निगम प्रशासन की कि साफ-सफाई होती है उसकी पोल खोल कर रख दी. जिसके कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
इमरजेंसी के पास पहुंचे मरीज वापस लौटे
वैसे तो सदर अस्पताल में तमाम स्थानों पर बरसात का पानी लगा रहा लेकिन इमरजेंसी की हालात देख उदवंतनगर से वाहन दुर्घटना में जख्मी अपने भाई को लेकर पहुंचे संजय ने कहा कि जब इमरजेंसी में यह हालत है, तो यहां मरीज क्या ठीक होगा और वह वापस लौट गया. बारिश की पानी ने मुख्य द्वार पर ही असली हकीकत दिखा दिया. वैसे तो अक्सर मुख्य द्वार पर पानी लगा रहता है लेकिन बरसात में आवागमन भी ठप हो जाता है.
जलजमाव से मच्छरों का बढ़ा प्रकोप
बरसात का पानी सिर्फ इमरजेंसी वार्ड ही नहीं बल्कि पोस्टमार्टम रूम के समीप सर्जिकल वार्ड के पास लगा रहता है. जलजमाव की वजह से हानिकारक मच्छर उत्पन्न होते है जिसके कारण मरीजों में महामारी फैलने की आशंका रहती है. अपने परिजन को ईलाज कराने आये संजय कुमार ने कहा कि कुछ दिन यदि ऐसा रहा तो खुद अस्पताल ही बिमार पड़ जायेगा. सर्जिकल वार्ड के समीप लगा पानी घुटना से ज्यादा था.
मरीज एवं उनके परिजनों को प्रवेश कर उधर आना था. केश दर्ज कराने के लिए भी लोगों को पानी में पैर रख कर वहां पहुंचना पड़ता है.
पुराने बने सदर अस्पताल की जमीन नीची हो गयी है. फिर भी पानी निकासी के लिए प्रतिदिन कार्य चलता है. ड्रेनेज सिस्टम के माध्यम से जल्द ही पानी निकालने का उपाय होगा.
डॉ सतीश कुमार सिन्हा, डीएस, सदर अस्पताल, आरा