कई ट्रेनों में नो रूम, तो कई ट्रेनों में तीन सौ तक मिल रहा वेटिंग टिकट
आरा : दीपावली व छठ के बाद वापस काम पर लौटना प्रवासी मजदूरों को भारी पड़ रहा है. लंबी दूरी की ट्रेनों में नो रूम है. स्थिति यह है कि वेटिंग तक का टिकट नहीं मिल पा रहा, जबकि यात्री लंबी दूरी की ट्रेनों में किसी तरह सफर करने को मजबूर हैं.
काउंटर पर सुबह से शाम तक लंबी कतार लग रही है, मगर घंटों इंतजार के बाद जब आरक्षण कराने की बारी आ रही है, तो आरक्षण लिपिक द्वारा संबधित ट्रेनों में नो रूम का संदेश सुनाया जा रहा है. इससे यात्रियों को निराश होना पड़ रहा है. वहीं लंबी दूरी से आनेवाली ट्रेनें में आरक्षण सीट रीग्रेड चल रही है, जिसके चलते उनमें टिकट मिल पाना भी मुश्किल हो गया है. टिकट नहीं मिलने से यात्री यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, जिससे रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इधर आरक्षण के लिए पीआरएस काउंटर पर हाय तोबा मची है. इससे प्रवासी मजदूरों व अन्य यात्रियों को निराश होना पड़ रहा है.
300 से ऊपर लगभग सभी रेलों में प्रतीक्षा सूची : लगभग सभी ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची लगी हुई है और औसतन 300 से ऊपर पहुंच चुकी है. सबसे अधिक मांग दिल्ली और मुंबई जानेवाली ट्रेनों में आरक्षण की आ रही है. रेलवे द्वारा ट्रेन की सभी श्रेणियों में वेटिंग सीमित किये जाने से अब तत्काल टिकट का ही सहारा रह गया है. इस वजह से ट्रेनों के स्लीपर कोचों में तीन सौ और वातानुकूलित कोचों में सौ तक वेटिंग टिकट जारी हो जाते थे.
टिकट कन्फर्म नहीं होने पर भी ऐसे यात्री ट्रेन में सवार हो जाते. सभी की इच्छा होती है कि त्योहार को वे अपने परिवार के साथ मनाएं, इसीलिए सभी अपने-अपने पैतृक घरों को लौट रहे हैं लेकिन ट्रेनों में लंबी वेटिंग उनके अरमानों पर पानी फेर दे रही है. दिल्ली, मुंबई, पटना, लखनऊ व चेन्नई से आनेवाली और गुजरनेवाली ट्रेनों में लंबी वेटिंग के चलते टिकट मिलना ही मुश्किल हो रहा है, वहीं ट्रेनें भी अगले आठ-दिनों तक फुल हो चुकी हैं.