बीमारी फैलने की आशंका

कुव्यवस्था. डालमियानगर कॉलोनी में बजबजा रहीं नालियां सूअरों के लिए बना सुरक्षित चरागाह गंदगी के कारण मच्छरों का भी बढ़ा प्रकोप नगर पर्षद नहीं उठा रही कोई कदम डेहरी कार्यालय : रोहतास उद्योग समूह की कॉलोनियों में रहनेवाले लोग संक्रमण की बीमारी फैलने के भय से खौफजदा है. कतार में स्थित कॉलोनियों के पिछले हिस्से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2016 4:13 AM

कुव्यवस्था. डालमियानगर कॉलोनी में बजबजा रहीं नालियां

सूअरों के लिए बना सुरक्षित चरागाह
गंदगी के कारण मच्छरों का भी बढ़ा प्रकोप
नगर पर्षद नहीं उठा रही कोई कदम
डेहरी कार्यालय : रोहतास उद्योग समूह की कॉलोनियों में रहनेवाले लोग संक्रमण की बीमारी फैलने के भय से खौफजदा है. कतार में स्थित कॉलोनियों के पिछले हिस्से में फैली गंदगी के कारण महामारी फैलने की संभावना बनी हुई. कॉलोनियों में बने भवनों के दो कतारों के बीच पिछवाड़े में खाली पड़ी जमीन में बजबज करती नाली व कूड़े की ढेर सुअरों का चारागाह बने हुए हैं. उक्त इलाके में उठ रहे दुर्गंध के कारण कॉलोनी में रहनेवाले लोगों का घरों में रहना काफी कष्टकर हो गया है़
वर्षों से उक्त स्थल से कूड़े का उठाव नहीं किये जाने से नल व शौचालयों के पानी में घुल कर कूड़े संक्रमण की बीमारी परोसने वाले स्थिति में ओ गये हैं. सबसे बदतर स्थिति एस ब्लॉक व उसके आस-पास के कालोनियों की है. यहां से कई र्क्वाटरों के लोग पलायन करने का मन बना रहे हैं, तो कई र्क्वाटरों के लोगों को कोई दूसरा ठिकाना नहीं मिलने से वहीं रहना मजबूरी बन गयी है.
सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने नगर पर्षद के अधिकारी, कर्मचारी व जनप्रतिनिधियों को लगता है कि डालमियानगर की कॉलोनियों में किसी बड़े हादसे का इंतजार है़
कॉलोनियों में बने मकानों के पीछे की भूमि में जमा है गंदा पानी व गंदगी
बोले लोग
कॉलोनी के निवासी विनय बाबा, अधिवक्ता बैरिस्टर सिंह, बिट्टू सोनी, वरीय अधिवक्ता बैरिस्टर सिंह आदि कहते हैं कि नरक बने कॉलोनी के इलाके में आम जनता की सुध लेने चुनाव के समय ही जन प्रतिनिधि आते हैं. चुनाव जीतने के बाद कोई जनप्रतिनिधि हमलोगों का सुध नहीं लेते. नप पार्षद हो, विधायक हो या एमपी सभी चुनाव से पहले कॉलोनी की निवासियों की इस मूलभूत समस्या के समाधान के लिए बड़े बड़े वादे करते हैं. लेकिन,
आज तक कचड़ हटाने का कोई उपाय नहीं किया गया. चुनाव जीत कर जाने वाले तो अब पांच साल बाद आयेंगे. चुनाव हारनेवाले नेता जो अपने को समाजसेवी व जनता के बीच रहने वाला बताते नहीं थकते हैं. इस समस्या को लेकर कोई आंदोलन छेड़ते नहीं दिख रहे.
पहले गरमी में खाट डाल कर सोते थे लोग
रोहतास उद्योग समूह के चालू रहने पर चकाचक कॉलोनी के दिनों को याद कर लोग कह उठते हैं कि आज की कॉलोनी में व्यवस्था नरक में रहने के समान है. कंपनी के बंद होने के वर्षों बाद तक दो कॉलोनियों के बीच के पिछवाड़े भाग में खाट बिछा कर लोग सोया करते थे. यहीं नहीं पिछवाड़े में चटाई डाल कर लोग एक साथ भोजन भी किया करते थे. आज हर र्क्वाटर के पीछे का किवाड़ पूरी तरह ईंट व सीमेंट से बंद कर दिया गया है. कारण शौचालय के पानी के साथ धूल व कूड़ा बीमारी फैलाने को आमंत्रित करता है.
पानी निकासी की व्यवस्था नहीं
इन घरों के बीच से पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. बजबजाते कूड़े की ढेर में पहले से निर्मित नालियां काफी नीचे दब गयी है. स्थानीय लोगों द्वारा स्वयं के प्रयास से कूड़े के बीच कच्चा नाली बना कर पानी की निकासी का प्रयास किया जाता है. लेकिन मुख्य नाले तक पानी के पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण कच्ची नाली में ही पानी सुखता रहता है. शौचालय के पानी में बढ़ोतरी होने पर कई बार मलयुक्त पानी कॉलोनी की सड़कों पर भी बहने लगता है.
बोले अधिकारी
नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी जमाल अख्तर अंसारी कहते हैं कि एनजीओ के कर्मियों को वहां सफाई करने के लिए निर्देश दिया गया है.

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