जन्म और मृत्यु दोनों ही सत्य हैं

पांचवां दिन. श्री सीताराम विवाह महोत्सव में गोपालाचार्य जी महाराज ने कहा राम नाम का जाप भव सागर पार करने का एकमात्र उपाय आरा : कलयुग में राम नाम का जाप भव सागर से पार करने का एकमात्र उपाय है. राम नाम को सुनने, बोलने से व्रत पूजा, तपस्या सब पूर्ण हो जाता है. उक्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2016 12:43 AM

पांचवां दिन. श्री सीताराम विवाह महोत्सव में गोपालाचार्य जी महाराज ने कहा

राम नाम का जाप भव सागर पार करने का एकमात्र उपाय
आरा : कलयुग में राम नाम का जाप भव सागर से पार करने का एकमात्र उपाय है. राम नाम को सुनने, बोलने से व्रत पूजा, तपस्या सब पूर्ण हो जाता है. उक्त बातें पीठाधीश्वर गोपालाचार्य जी महाराज ने वीर कुंवर सिंह मैदान स्थित महावीर मंदिर परिसर में श्री सीताराम विवाह महोत्सव शोभायात्रा समिति द्वारा आयोजित श्री सीताराम विवाह महोत्सव के पांचवें दिन भक्तों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि जन्म और मृत्यु दोनों ही सत्य हैं. जन्म और मृत्यु के बीच के समय में मानव अपने कर्मों के आधार पर पुण्य और पाप का भागी बनता है. इस समय में महामाया लोगों को प्रभावित करने का प्रयास करती है, जो व्यक्ति इसके वशीभूत होता है, वह सत्य और असत्य के अंतर को समझ नहीं पाता है. इस कारण उसके अंदर काम, क्रोध, मोह और लोभ घर कर जाता है.
परिणामस्वरूप वह पतन की ओर जाने लगता है. इससे बचने के लिए मानव को राम नाम का जाप करना चाहिए. विवाह महोत्सव में रामचरित मानस का पाठ करते हुए भोली बाबा ने भक्तों को बताया कि श्रीराम का अवतार चरित्र के साथ-साथ धर्म की स्थापना के लिए हुआ था. आज की स्थिति में धर्म और चरित्र के साथ जीता है,
वह श्रीराम का सच्चा भक्त है. जो ऐसा नहीं करता, उसका जीवन रावण जैसा है तथा उसका अंत भी रावण जैसा होना ही तय है. रावण ज्ञानी तथा शक्तिशाली होते हुए भी अधर्म की तरफ उन्मुख था. इसलिए उसका अंत होना तय हो गया. मौके पर भोली बाबा द्वारा सहयोगी आचार्यों के साथ वैदिक रीति से राम दरबार का विधिवत पूजन यजमानों द्वारा कराया गया. इसके साथ ही कलश, गणेश, नवग्रह मातृका, वास्तु, सप्तऋषि, सप्त चिरंजीव, 64 योगिनी, क्षेत्र का अन्य देवताओं का भी वैदिक रीति से पूजन कराया गया.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए शशि बाबा ने कहा कि देश में जिस गति से विकास हो रहा है, उसी गति से हमारे संस्कारों को ह्रास हो रहा है. इस संस्कार के ह्रास को उत्थान में बदलने के लिए धार्मिक आयोजन होता है. जिस तरह प्रधानमंत्री द्वारा कालेधन वालों के खिलाफ कार्रवाई पर सफेद धन करने का प्रयास किया जा रहा है.
उसी तरह काले मन वालों के मन को सफेद करने के लिए धार्मिक अनुष्ठान किया जा रहा है. धन्यवाद ज्ञापन मुक्तेश्वर उपाध्याय ने किया. कार्यक्रम में संतोष पांडेय, राजकिशोर सिंह, रविशंकर तिवारी, लालती सिंह, राघो शर्मा, उषा पांडेय, नीलू सिंह, राधिका सिंह, अरुण सिन्हा, मीरा गुप्ता, मालती सिंह, उमेश तिवारी तथा विजय सिंह आदि उपस्थित थे.
श्री सीताराम विवाह महोत्सव में भक्तों को संबोधित करते गोपालाचार्य जी महाराज.

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