बढ़ी ठिठुरन, कोहरे से रेंग रहे वाहन
परेशानी. दिन में हेडलाइट जला कर चल रहे वाहन, कृषि कार्य में आ रही बाधा आरा : ठंड से लोग अब ठिठुरने लगे हैं, वहीं कोहरे ने आम जनजीवन से लेकर वाहनों की रफ्तार तक धीमी कर दी है. बुधवार को ठंड का व्यापक असर देखने को मिला. लोग घरों में दुबके रहे और सूर्य […]
परेशानी. दिन में हेडलाइट जला कर चल रहे वाहन, कृषि कार्य में आ रही बाधा
आरा : ठंड से लोग अब ठिठुरने लगे हैं, वहीं कोहरे ने आम जनजीवन से लेकर वाहनों की रफ्तार तक धीमी कर दी है. बुधवार को ठंड का व्यापक असर देखने को मिला. लोग घरों में दुबके रहे और सूर्य के दर्शन को तरसते रहे. लगभग बारह बजे सूर्य का दर्शन हुआ, तो लोगों को थोड़ी राहत मिली. बढ़ी ठंड का असर इस प्रकार है कि दोपहर के पहले और शाम होने के साथ बाजारों में लगभग वीरानगी दिख रही है. स्कूल जानेवाले बच्चों और गरीबों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है.
स्कूली बच्चे सुबह-सुबह घर से बस पकड़ने के लिए निकल रहे हैं, तो कांपने लगते हैं. बुधवार को अधिक ठंड होने के कारण कई लोगों ने तो अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेजा. शाम ढलते ही कोहरे का असर शुरू हो जा रहा है. इसकी वजह से हाइवे पर वाहनों की गति मंद पड़ जा रही है. रात से सर्द पछुआ हवा के साथ शीतलहर भी शुरू हो गया है.
कोहरे के साथ तापमान में गिरावट दर्ज होने के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. सुबह स्कूल, कॉलेज, दुकान और ऑफिस जानेवाले लोगों को समस्या झेलनी पड़ रही है. लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं, तो गरम कपड़ों से लिपटे हुए. बच्चे स्कूल के लिए घर से निकल रहे हैं, तो कांपने लगते हैं. कॉलेज और कोचिंग जानेवाले युवक-युवती भी पूरी व्यवस्था के साथ बाहर निकल रहे हैं.
गरम कपड़ों में स्कूल जाते बच्चे.
ऊनी कपड़ों और रूम हीटर की बढ़ी डिमांड
ठंड का असर शुरू होते ही बाजारों में ऊनी और गरम कपड़ों के साथ रूम हीटर व गीजर की डिमांड बढ़ गयी है. शहर की कपड़े की दुकानें गरम कपड़ों से सज गयी हैं और खरीदारों की भीड़ भी खूब उमड़ रही है. स्वेटर, जैकेट, टोपी, मफलर सहित अन्य गरम कपड़ों की लोग जम कर खरीदारी कर रहे हैं. पिछले एक सप्ताह से ऊनी कपड़ों, रूम हीटर व गीजर की डिमांड ज्यादा बढ़ गयी है.
कोहरे के कारण दिन में भी हेडलाइट जला कर गुजर रही गाड़ी.
कोहरे से धान की कटनी भी हो रही प्रभावित
सुबह में घने कोहरे और बढ़ी ठंड की वजह से धान की कटनी पर भी प्रभाव पड़ रहा है. सुबह में ठंड से किसान घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं. वहीं, दोपहर लगभग बारह बजे तक कोई काम संभव नहीं हो पा रहा है. खेतों में कहीं-कहीं अब भी धान की कटनी बाकी है, कहीं-कहीं धान काट कर पालहारी डाला गया है. बोझा बांध कर उसे खलिहानों तक पहुंचाना है, लेकिन ठंड की वजह से संभव नहीं हो पा रहा है.