राम नाम जपने से शुद्ध होती है वाणी : स्वामी रामेश्वर

सासाराम : यज्ञ से ही पूरी सृष्टि निर्मित है. यज्ञ ही जीवन की आधारशिला है. तिलेश्वरनाथ मंदिर के प्रांगण में श्री शंकर ज्ञान महायज्ञ गुरुवार को शुरू हुआ. इसमें उत्तर प्रदेश से आये स्वामी रामेश्वर मिश्र जी (भोजपुरी सम्राट) प्रवचन में रामकथा कह रहे थे. राम-राम जपने से वाणी शुद्ध हो जात है. हमारे अंदर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2017 5:08 AM

सासाराम : यज्ञ से ही पूरी सृष्टि निर्मित है. यज्ञ ही जीवन की आधारशिला है. तिलेश्वरनाथ मंदिर के प्रांगण में श्री शंकर ज्ञान महायज्ञ गुरुवार को शुरू हुआ. इसमें उत्तर प्रदेश से आये स्वामी रामेश्वर मिश्र जी (भोजपुरी सम्राट) प्रवचन में रामकथा कह रहे थे. राम-राम जपने से वाणी शुद्ध हो जात है. हमारे अंदर जो भी वैर, वैमनस्य, घृणा, पाप आदि समाए रहते हैं. उनसे छुटकारा मिल जाता है. लोग कहते हैं कि धर्म के साथ सनातन शबद क्यों जोड़ दिया गया? जो व्यक्ति दूसरे का लूट कर खाते है

उसे अधर्म कहते हैं. जो व्यक्ति मेहनत से कमा कर खाते है, उसे धर्म कहते हैं, पर जो सही तरीके से कमा कर दूसरे को भी खिलाते हैं उसे सनातन धर्म कहते हैं. रामजी सबसे पहले अपनी माता कैकेई से मिलते थे. क्योंकि, उन्हें उनसे स्नेह मिलता था. फिर माता सुमित्रा से मिलते थे. उन्हें उनसे आशीर्वाद मिलता था और अंत में जाकर माता कौशल्या से मिलते थे, क्योंकि उन्हें उनके आंचल में सो कर आराम मिलता था. राम कथा बार-बार सुनने का मन करता है.

लगता है हमारे घर की हमारे समाज की घटना है. जैसे श्रीराम माता-पिता को महत्व देते थे. वैसे ही हमें भी अपने माता-पिता को महत्व देना चाहिए. घर में माता-पिता आपके व्यवहार से खुश रहेंगे, तभी आपके घर में सुख आयेगा. घर में दुःख आने में सौ बार सोचेगा. बीच बीच में स्वामी रामेश्वर मिश्र जी भोजपुरी में कहावत भी कह रहे थे. जिससे लाेगों में उत्साह भर जाता था. अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह यादव ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए दिन भर लंगर चलाया गया. इसमें सभी प्रसाद ग्रहण किये. सुबह पांच बजे गीता पाठ, रामचरित मानस का नवाह्य पाठ व शिवपुराण पाठ हुआ. 11 बजे भजन कीर्तन के बाद प्रवचन उपदेश हुआ. संचालन डाॅ कामेश्वर सिंह पंकज ने किया. मौके पर अध्यक्ष सुभाष सिंह, सचिव शशि कुमार, धर्मेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष भरत प्रसाद, प्रेमशंकर राय, महेंद्र सिंह, रामा पासवान, कामेश्वर सिंह, रामाशीष मुनीब, शिवनारायण तिवारी आदि उपस्थित थे.

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