दनवार झील से होगी आरा के 3.76 हजार हेक्टेयर की सिंचाई
तैयारी. जलनिकासी व प्लांट पर खर्च होंगे 1.10 करोड़ पटना/आरा : झीलें सिर्फ पर्यटन केंद्र के रूप में ही डेवलप नहीं होंगी, बल्कि उन्हें सिंचाई के बड़े संसाधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जायेगा. जल संसाधन विभाग ने आरा में इस मोरचे पर पहल करने का निर्णय लिया है. दनवार झील से आरा में […]
तैयारी. जलनिकासी व प्लांट पर खर्च होंगे 1.10 करोड़
पटना/आरा : झीलें सिर्फ पर्यटन केंद्र के रूप में ही डेवलप नहीं होंगी, बल्कि उन्हें सिंचाई के बड़े संसाधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जायेगा. जल संसाधन विभाग ने आरा में इस मोरचे पर पहल करने का निर्णय लिया है. दनवार झील से आरा में 3.76 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी. दनवार झील सिंचाई योजना पर 1.10 करोड़ रुपये खर्च होंगे, हालांकि आरा के किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए कम-से-कम एक वर्ष इंतजार करना होगा. आरा में दनवार झील सिंचाई योजना को जल संसाधन विभाग ने प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है.
विभाग मार्च के पहले ही इसका टेंडर फाइनल करेगा. सिंचाई योजना के तहत दनवार झील से जलनिकासी के साथ-साथ सिंचाई प्लांट भी बैठाया जायेगा. जलनिकासी का काम तो छह माह में पूरा हो जायेगा, परंतु एरिगेशन प्लांट बैठाने में विभाग को कम-से-कम एक वर्ष का वक्त लग जायेगा. दनवार झील सोन नहर से जुड़ा है. सोन नहर से बाढ़ के मौसम में पानी लबालब होकर आसपास के गांवों में फैल जाता है. जलनिकासी का प्रबंध होने से आसपास के गांवों को बाढ़-बरसात के काल में जलजमाव से तो मुक्ति मिलेगी ही, साथ-साथ किसानों को भरपूर सिंचाई सुविधा भी मिलेगी.
जलनिकासी व एरिगेशन प्लांट के लिए करना होगा एक साल इंतजार
डेढ़ वर्ष बाद मिली केंद्रीय व राज्य पर्यटन से जल संसाधन विभाग को सहमति
आरा से 3.76 हजार हेक्टेयर में रबी, खरीफ और साग-सब्जी की प्रचुर खेती होती है, परंतु उचित सिंचाई सुविधा न होने के कारण किसान प्राइवेट पंपों से पटवन कराने को विवश हैं. दनवार झील से आरा के किसानों को सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए जल संसाधन विभाग को पर्यटन विभाग से एनओसी लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. डेढ़ वर्ष बाद केंद्रीय व राज्य पर्यटन से दनवार को प्रमुख सिंचाई केंद्र के रूप में विकसित करने की सहमति मिली है. अब इस पर काम शुरू होगा.