आरा : हिरासत में अधेड़ की मौत पर फूटा गुस्सा, बड़हरा थाने को फूंका, पांच घंटे तक उपद्रव

आरा : हिरासत में लिये गये एक अधेड़ की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने रविवार को बड़हरा थाने को फूंक दिया. लोगों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई की और गोलियां भी चलायीं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भी दर्जनों राउंड फायरिंग करनी पड़ी. उपद्रवियों की फायरिंग में एक गाेली सीओ की गाड़ी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2017 8:35 AM
आरा : हिरासत में लिये गये एक अधेड़ की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने रविवार को बड़हरा थाने को फूंक दिया. लोगों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई की और गोलियां भी चलायीं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भी दर्जनों राउंड फायरिंग करनी पड़ी. उपद्रवियों की फायरिंग में एक गाेली सीओ की गाड़ी का शीशा छेदते हुए आर-पार हो गयी.
गाड़ी में सवार एसडीओ व सीओ बाल-बाल बच गये. इसके बाद भी लोग पीछे नहीं हट रहे थे. उपद्रवियों ने पुलिस की आधा दर्जन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, तो थाना परिसर में खड़े दो दर्जन वाहनों को भी फूंक दिया. थाने में रखे गये सभी रेकॉर्ड भी जला दिये और जम कर रोड़ेबाजी भी की. थानाप्रभारी के आवास में भी घुस कर तोड़फोड़ की गयी.
लगभग पांच घंटे तक बड़हरा थाने में उपद्रवियों का कब्जा रहा. इस दौरान पुलिस असहाय बनी रही. बाद में बड़हरा थाने की पुलिस को भागना पड़ा. इस दौरान पत्थर लगने से एसडीपीओ और एक सिपाही घायल हो गया.
घटना की जानकारी मिलते ही डीआइजी ए रहमान, डीएम डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव व एसपी छत्रनील सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. बड़ी संख्या में पुलिस बल के पहुंचने के बाद भी आक्रोशित लोग उपद्रव मचाते रहे. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पुलिस के सख्त रुख के बाद लोगों में भगदड़ मच गयी. इसके बाद जाकर स्थिति नियंत्रित हो पायी. बाद में पुलिस ने शव काे कब्जे में लेकर अपनी देखरेख में उसका दाह-संस्कार कराया. इस मामले में पुलिस ने आठ महिलाओं सहित 10 लोगों को हिरासत में लिया है.
बेटी की शिकायत पर लिया गया था हिरासत में
शनिवार को पुलिस ने आरोपित छेना ततवा नामक अधेड़ को हिरासत में लिया था. छेना ततवा की बड़ी बेटी नीतू ने ही शनिवार को बड़हरा थाने में आवेदन देकर शिकायत की थी कि उसके पिता शराब के नशे में दुर्व्यवहार और अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. हिरासत के दौरान उसकी मौत हो गयी.
पुलिस ने शनिवार को कहा था कि पुलिस जीप से कूदने के कारण उसकी मौत हुई है. रविवार को जिला प्रशासन ने कहा कि थाने की छत से कूदने के कारण उसकी मौत हुई है. वहीं, परिजनों ने शनिवार को ही आरोप लगाया था कि पुलिस ने पीट-पीट कर उसे मार डाला. घटना के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस सदर अस्पताल लेकर पहुंची थी, तो परिजनों ने वहां भी जम कर हंगामा किया था. परिजन शव का पोस्टमार्टम भी नहीं करने दे रहे थे. शनिवार की देर रात पुलिस ने किसी तरह पोस्टमार्टम कराया और इसके बाद रविवार की सुबह शव लेकर पुलिस पहुंची, तो हंगामा बरप गया.
थानेदार सहित तीन निलंबित
घटना को लेकर बड़हरा के थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. मौके पर पहुंचे भोजपुर के एसपी छत्रनील सिंह ने स्थिति नियंत्रित होने के बाद हालात की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने थानाध्यक्ष सुदेह कुमार, एएसआइ अरविंद कुमार शर्मा और चौकीदार सालिक पासवान को निलंबित कर दिया. वहीं, 50 नामजद और 500 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
शव मिलते ही पहुंचे थाना, हंगामा शुरू
सुबह लगभग 7:30 बजे पुलिस सदर अस्पताल से अधेड़ का शव लेकर बड़हरा पहुंची और शव को उसके परिजनों के हवाले कर िकया. इसके आधा घंटा बाद ही परिजन शव को लेकर बड़हरा थाने के पास पहुंच गये और सड़क को जाम कर दिया. देखते-देखते लोगों की भीड़ बढ़ती गयी. आक्रोशित लोगों ने हंगामा शुरू किया और थाने में घुस कर पूरे थाने को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद कुरसी, टेबल, जेनेरेटर, कागजात, अलमारी, गाड़ियों सहित अन्य सामान को एक-एक कर आग के हवाले करने लगे.

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