Bihar First CAA Citizen: बिहार में भोजपुर जिला के आरा शहर में एक ऐतिहासिक घटना हुई जब 60 वर्षीय सुमित्रा रानी साहा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता प्राप्त की. यह पहली बार है जब सीएए की अधिसूचना के बाद बिहार में किसी व्यक्ति को नागरिकता सर्टिफिकेट दिया गया.
जीवन का संघर्ष
सुमित्रा रानी साहा पांच-छह साल की उम्र में अपने फुआ के साथ पढ़ाई के लिए बांग्लादेश चली गई थीं. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह वहां रहने को मजबूर थीं. 20 साल बाद, 19 जनवरी 1985 को वह बांग्लादेश से अपने पिता के घर कटिहार वापस लौटीं. इसके कुछ महीने बाद, 10 मार्च 1985 को उनकी शादी आरा के परमेश्वर प्रसाद से हुई. उनके पति होम अप्लायंसेज की दुकान चलाते थे. परिवार में तीन बेटियां हैं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है. सबसे छोटी बेटी ऐश्वर्या प्रसाद ने CAA के तहत नागरिकता हासिल करने में अहम भूमिका निभाई.
CAA के तहत नागरिकता प्राप्ति की प्रक्रिया
सुमित्रा रानी पिछले 40 वर्षों से वीजा पर भारत में रह रही थीं और हर साल वीजा एक्सटेंशन के लिए संघर्ष करती थीं. 2024 में जब उन्होंने वीजा के लिए आवेदन दिया, तो उन्हें CAA के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई. इसके बाद उनकी बेटी ऐश्वर्या ने नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की. पहले प्रयास में आवेदन रद्द हो गया, लेकिन सभी जरूरी दस्तावेजों को पूरा करने के बाद पुन: आवेदन किया गया. लंबे इंतजार और निरंतर प्रयासों के बाद, शुक्रवार को सुमित्रा रानी को नागरिकता प्रमाणपत्र मिला.
नई नागरिकता, नई उम्मीदें
सुमित्रा रानी और उनका परिवार अब राहत की सांस ले रहा है. नागरिकता मिलने से पहले उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था. राशन कार्ड, गैस कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाओं से वे वंचित थे. उनकी बेटी ऐश्वर्या ने बताया, “लोग हमें डराते थे कि वे हमें बांग्लादेश वापस भेज देंगे या जेल में डाल देंगे. अब गर्व महसूस हो रहा है कि हम आधिकारिक तौर पर भारतीय नागरिक बन गए हैं.”
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CAA बना जीवनदान
सुमित्रा रानी के परिवार ने CAA को “जीवनदान” बताया है. ऐश्वर्या ने बताया कि अब परिवार सभी जरूरी दस्तावेज बनवाने की प्रक्रिया शुरू करेगा. उन्होंने कहा, “यह कानून हमारे जैसे सामान्य लोगों के लिए उम्मीद की किरण है. यह घटना न केवल सुमित्रा रानी के परिवार के लिए बल्कि उन हजारों परिवारों के लिए प्रेरणा है जो वर्षों से भारतीय नागरिकता के लिए संघर्ष कर रहे हैं.