भोला की डायरी खोलेगी लालू के जमीन लीला का राज़, जानें कौन है 40 प्लॉट की रजिस्ट्री का राजदार
सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में लालू परिवार के राजदार भोला को गिरफ्तार किया है. उनकी गिरफ्तारी से लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है. जो सूचना सामने आ रही है उसके अनुसार लालू यादव के 40 संपत्तियों में भोला यादव ने गवाह के तौर पर साइन किया है.
लालू प्रसाद यादव का परिवार बिहार के सबसे ताकतवर सियासी परिवार के रुप में है. भोला यादव की गिरफ्तारी के लालू प्रसाद के ‘जमीन लीला’ (Land For Job Scam) की पोल खुलने की उम्मीद है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का दावा है कि लालू यादव के 40 जमीन की रजिस्ट्री के कागज पर भोला यादव ने बतौर गवाह दस्तखत किया है. यह जमीन लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए लिखवाया गया है.
बताते चलें कि लालू प्रसाद वर्ष 2004-2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. लालू प्रसाद पर आरोप है कि रेलवे में फोर्थ ग्रेड की नौकरी देने के बदले में दूसरे के नाम पर जमीन लिखवाया. यह जमीन बाद में लालू परिवार के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई. बताते चलें कि भोला यादव इस दौरान लालू यादव के ओएसडी (विशेष कार्य अधिकारी) थे. जमीनों का पूरा हिसाब-किताब वही रखा करते थे. उनके पास से जो डायरी मिली है वह कई राज खोल सकती है.
सुशील मोदी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ‘लालू परिवार की 40 से ज्यादा संपत्ति की खरीद-फरोख्त में भोला यादव ने गवाह के रूप में साइन किया है. मोदी ने भोला यादव पर आरोप लगाया है कि वो लालू के साथ साए के रूप में रहा करते हैं और वे लालू परिवार के हर भ्रष्टाचार में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल रहे हैं. मोदी ने सवाल किया है कि आखिर एक रेलवे खलासी के पास पटना शहर में 70 लाख की जमीन कहां से आई? फिर उसने लालू परिवार को दान क्यों दी?’ जबकि वो लालू परिवार का कोई रिश्तेदार नहीं है.
सुशील मोदी जमीन के खेल का राज खोलते हुए इसकी वजह बताते हुए लिखा कि ‘विष्णु देव राय के पोते पिंटू कुमार को 2008 में पश्चिम रेलवे मुंबई में नौकरी लगी. विष्णु देव राय ने पटना की जमीन हृदयानंद चौधरी को दे दिया और हृदयानंद चौधरी ने कुछ वर्षों बाद वह जमीन हेमा यादव को दान में दे दिया.