पटना. अनुसूचित जाति जनजाति को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हर महीने एससी एसटी एक्ट एक्ट के तहत दर्ज मामलों की समीक्षा होगी. इसके लिए जिलों को हर माह यह जानकारी देनी होगी कि बिहार में एससी एसटी एक्ट में कितने लोगों को सजा मिली है. इसको लेकर अभियोजन निदेशालय की तरफ से एक पोर्टल और व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है. इसी ग्रुप और पोर्टल में यह जानकारी देनी होगी कि एक महीने में कितनी लोगों की शिकायतें मिली और कितने लोगों को सजा दिया गया.
सभी डीएम को भेजा गया निर्देश
दरअसल, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम यानी एससी एसटी एक्ट के तहत ससमय कितने कांडों का निष्पादन हुआ कितने आरोपितों को सजा दिलाई गई, इसकी अब मासिक समीक्षा होगी. इसको लेकर अभियोजन निदेशालय ने सभी जिलों के डीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया है. अभियोजन निदेशालय की तरफ से इसको लेकर एक पोर्टल भी विकसित किया गया है, जिसमें फिलहाल जनवरी माह की रिपोर्ट अपलोड करने का निर्देश दिया गया है.
Also Read: बिहार में शिक्षक नियुक्ति के तीसरे चरण के लिए कवायत शुरू, सरकार ने जिलों से मांगी रिक्तियां
गवाहों की पेशी को लेकर किया गया सजग
विशेष लोक अभियोजकों को निर्देश दिया गया है कि प्रतिदिन किये जा रहे अभियोजन कार्यों की भी यहां एंट्री की जाए. बैठक के दौरान त्वरित विचारण के लिए ऐसी बातों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है, जो बयान, सफाई, साक्ष्य या बहस के अंतिम चरण में है. ट्रायल के दौरान गवाहों को कोर्ट में पेश करने पर भी जोर दिया गया है. इसके लिए गवाहों की सूची पुलिस अभियोजन शाखा को उपलब्ध करवाने को कहा गया है, अगर निर्धारित तिथि को गवाह उपस्थित नहीं होते हैं, तो इसकी सूचना संबंधित जिले के एसपी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.