Loading election data...

बिहार में छोटे-मोटे कारणों से अटकी बड़ी परियोजनाएं, समस्याओं का समाधान नहीं होने से अधिग्रहण में आ रही बाधा

विकास को गति देने के लिए बिहार में कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है. कई परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण भी किया जा रहा है. जमीन का तेजी से अर्जन हो, इसके लिए एसओपी भी बनाया गया है. बावजूद इसके, कई बड़ी परियोजनाएं जमीन के कारण अटकी हुई हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2023 4:15 AM

अनुज शर्मा, पटना: बिहार में करीब एक दर्जन रेल परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. अधिकतर परियोजना मुआवजा के स्तर पर ही अटकी हैं. मुआवजा और रैयतों की समस्याओं के समाधान आदि के लिए रेलवे और संबंधित अन्य प्राधिकारों से समन्वय की कमी है. कहीं रेलवे से पैसा नहीं मिलने, तो कहीं रैयतों द्वारा मुआवजा नहीं लेने के कारण कुछ रेल परियोजनाएं अटकी हैं. इनमें अररिया- गलगलिया नयी रेल लाइन परियोजना में बीस फीसदी रैयत रेलवे द्वारा मुआवजा वितरण पूरा नहीं किये जाने के कारण काम में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. रामपुर-डुमरा- ताल-राजेन्द्र पुल एडिशनल ब्रिज के लिए पटना में 24.475 एकड़ भूमि का अर्जन करने के लिए 19.09 करोड रुपये मिले हैं. हालांकि, कुछ कारणों से बड़ी संख्या में रैयतों द्वारा मुआवजा नहीं लिया जा रहा है.

कई परियोजनाओं में पुनर्वास करने के बाद होगा जमीन का अधिग्रहण

राज्य सरकार हाइवे आदि के निर्माण अथवा अन्य किसी परियोजना के लिए दलितों की जमीन का अधिग्रहण तभी करेगी, जब उनका पुनर्वास हो जायेगा. भू अर्जन की समस्या को दूर करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं. मंत्री ने बिहार में एनएचएआइ, रेलवे, सशस्त्र सीमा बल, पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन में आ रही दिक्कतों को प्राथमिता से दूर करने के निर्देश दिये हैं.

सरकार ने माना काम लटकाने से लोगों में पैदा हो रहा असंतोष

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने जनवरी में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह बात स्वीकार की थी कि भू-अर्जन का काम बेवजह लटकाने की प्रवृत्ति से लोगों में असंतोष पैदा होने की शिकायत मिल रही है. न्यायालय में मामले बढ़ रहे हैं. सीतामढी के मझौली- चिरौत खंड के मामले को आधार बनाते हुए व्यवस्था दी गयी है कि जमीन अधिग्रहण से पूर्व प्रभावित परिवारों का पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन किया जायेगा.

डीएम- कमिश्नर की शक्ति बढ़ी, अब आयेगी काम में तेजी

सरकार ने राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में अधिग्रहित की जाने वाली जमीन का मुआवजा देने के मामले में डीएम और कमिश्नर की आर्थिक शक्तियों को बढ़ाकर भूमि अधिग्रहण को सुगम बनाया है. है. एक जनवरी से प्रभावी व्यवस्था के तहत डीएम 23.573 करोड़ रुपये तक का एस्टीमेट निर्धारित कर सकेंगे. 23.573 करोड़ रुपये से अधिक और 58.94 करोड़ तक के मामलों में प्रमंडलीय आयुक्त निर्णय लेंगे. हर साल की पहली तारीख को इसमें दस प्रतिशत की बढोतरी होगी. डीएम अभी तक दस करोड़ का ही एस्टीमेट (अधिग्रहित भूमि का प्राक्कलन ) तैयार कर सकते थे. यानि मुआवजा राशि यदि दस करोड़ से अधिक है, तो एस्टीमेट की जिम्मेदारी कमिश्नर के पास चली जाती थी. 25 करोड़ से अधिक के मामले सरकार देखती थी.

लापरवाही करने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई हो रही

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि अर्जन से जुड़े मामलों में लापरवाही के लिए अधिकारियों पर कार्रवाई भी कर रहा है. पिछले दिनों शेखपुरा के अंचल बरबीघा के तत्कालीन सीओ मनीष कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हुई है. मनीष कुमार मोकामा से बिहारशरीफ के बीच बन रही टू लेन सड़क परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी के दोषी पाये गये थे.

राज्य की प्रमुख परियोजनाओं की स्थिति

राज्य के विभिन्न जिलों में एसएसबी के बीओपी निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण कर एसएसबी को कब्जा दिलाया जा रहा है. साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों और अनुमंडलों में व्यवहार न्यायालय तथा आवास के लिए भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.

  • गंगा जल उद्ववह योजना

भू-अर्जन निदेशालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गंगा जल उद्ववह योजना के लिए नालंदा और गया जिले में जमीन अधिग्रहण की गयी है. इसका उद्देश्य नालंदा, नवादा और गया जिले के सूखाग्रस्त क्षेत्र में गंगा के अतिरिक्त पानी पाइप लाइन के माध्यम से आपूर्ति करना है.

  • पटना मेट्रो

बिहार की राजधानी पटना के सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाली आबादी के सुगम यातायात के लिए पटना मेट्रो रेल परियोजना पर काम चल रहा है. इसके लिए 76.645 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने के लिए सात अरब 83 करोड़ 27 लाख 73 हजार 625 रुपये मंजूरी दी गयी है.

  • दरभंगा हवाई अड्डा

यहां पर सिविल इन्क्लेव के लिये दरभंगा सदर के मौजा वासुदेवपुर में 52.65 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने घोषणा की गयी है. इसके लिए दो अरब बेरासी करोड़ सोलह लाख तैंतीस हजार की स्वीकृति दी गयी है.

  • अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कोरिडोर

गया में इस परियोजना के तहत इंड्रस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर (आइएमसी ) के निर्माण के लिए 1113.9295 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इनकी प्राक्कलित राशि एक अरब तीस करोड़ चौवालीस लाख पचीस हजार सात सौ छिहत्तर रुपये की स्वीकृति दी गयी है.

Next Article

Exit mobile version