पटना. हाल में लागू हुए नये उपभोक्ता कानून में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गयी है. प्रावधान के मुताबिक अगर किसी बिहार निवासी के साथ मुंबई में किसी तरह की उपभोक्ता कानून के दायरे में आने वाली धोखाधड़ी होती है, तो वह बिहार में आकर अपने गृह जिले के जिला उपभोक्ता आयोग में केस दर्ज करा सकते है.
धोखाधड़ी करने वाली कंपनी को बतौर प्रतिवादी अपना पक्ष रखने के लिए वादी के जिला उपभोक्ता आयोग में आना होगा. पिछले उपभाेक्ता संरक्षण कानून में यह सुविधा नहीं थी. प्रतिवादी के जिले में ही वादी को केस दर्ज कराना पड़ता था.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य उपभोक्ता आयोग ने नये कानून के मुताबिक केस दर्ज कराने के लिए इ-फाइलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इ- फाइलिंग की प्रक्रिया जनवरी, 2021 से शुरू हो जायेगी.
नये कानून के लिए इ-फाइलिंग करने की जरूरी प्रक्रिया बिहार,पश्चिमी बंगाल सहित पूर्व भारत के चार राज्यों में एक साथ होने जा रही है. इ-फाइलिंग से आशय देश के किसी भी उपभोक्ता आयोग के न्यायालय में ऑनलाइन केस दर्ज कराया जा सकता है.
नये उपभोक्ता कानून के तहत उपभोक्ता विवादों को निबटाने के लिए मध्यस्थ विशेषज्ञों का एक सेल भी गठित किया जाना है. बिहार में इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाना है. फिलहाल बिहार सरकार ने इसके लिए एक-एक रूम उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.
इसी तरह राज्य स्तर पर आयोग के तहत कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी का गठन किया जाना है. यह उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने के लिए अलग तरीके से काम करेगा. सबसे अहम यह है कि अब आयोग को केस में इन्वेस्टिगेशन का अधिकार भी मिल गया है.
उपभोक्ताओं के हक में यह समूची व्यवस्थाएं पिछले कानून में नहीं थीं. विशेष बात यह है कि नये कानून में इलेक्ट्रोनिक सर्विस प्राेवाइडर कंपनियों की सेवाओं को भी दायरे में ले लिया गया है.
Posted by Ashish Jha