मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी परियोजना भूमि सर्वेक्षण को लेकर नई अपडेट सामने आई है. सूबे के राज्सव मंत्री और बिहार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने भूमि सर्वेक्षण को लेकर नई जानकारी देने के साथ ही लोगों के मन में चल रहे सारे कन्फ्यूजन को दूर किया है.
बंद नहीं हुआ है जमीन सर्वेक्षण का काम
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम बंद नहीं हुआ है. सर्वे के लिए जरुरी कागजातों को इकट्ठा करने में अफरा-तफरी न मचे, इस वजह से लोगों को कागजात तैयार करने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है ताकि कोई जल्दबाजी न हो. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार इस सर्वे को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी हाल में पूरा कराकर ही रहेगी. दरअसल लोगों के बीच जमीन सर्वे को लेकर कई तरह के कन्फ्यूजन चल रहा हैं. लोगों के बीच चर्चा चल रही थी कि सरकार ने जमीन सर्वे पर यूटर्न ले लिया है. लेकिन अब जब मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने ही स्पष्ट कर दिया है कि जमीन सर्वे रद्द नहीं हुआ है.
सर्वे में सबसे बड़ी बाधा स्वघोषणा पत्र
दरअसल, बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली, 2012 के नियम 3 (1) के तहत लोगों को जमीन के कागजात के साथ एक स्व-घोषणा पत्र भी जमा करना होता है। इसको लेकर सरकार भी जान रही है कि सर्वे में सबसे बड़ी बाधा स्वघोषणा पत्र ही है। लिहाजा इस पर भी विचार हो रहा है। सरकार का मानना है कि ज्यादा समय मिलने पर ज्यादा तर लोग अपने कागजात समय पर जमा कर देंगे। इससे जमीन विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी और सर्वे का काम भी तेज़ी से होगा।
सिलीगुड़ी की घटना बंगाल सरकार की नाकामी
इस दौरान उन्होंने बंगाल में परीक्षा देने गए बिहारी छात्रों के साथ बदसलूकी की घटना पर भी अपनी राय रखी. दिलीप जायसवाल ने इस घटना को बंगाल सरकार की नाकामी बताया. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र बिहार, बंगाल और दूसरे राज्यों में बनाए जाते हैं. लेकिन सिलीगुड़ी में छात्रों के साथ जो हुआ वह निंदनीय है.