Bihar 12th Board Result 2023: छोटे शहरों के बच्चों ने मारी बाजी, जानें सुविधा संपन्न शहरों का हाल…
Bihar Board Topper इंटर की पढ़ाई पटना के कई बड़े व नामचीन कॉलेजों में होती है, लेकिन टॉपर देने में ये सभी कॉलेज फेल हो जाते हैं. केवल कॉमर्स टॉपर में हमेशा से कॉलेज ऑफ कॉमर्स या बीडी कॉलेज के छात्र रहते हैं
Bihar 12th Board Result 2023: इंटर परीक्षा का पिछले आठ वर्षों में इस वर्ष सबसे ज्यादा अच्छा रिजल्ट रहा. रिजल्ट की खास बात है कि इसमें सुविधा संपन्न शहरों या बड़े स्कूलों के बजाय छोटे-छोटे शहरों के स्कूलों के बच्चों ने टॉपर लिस्ट में जगह बनायी है. इन बच्चों ने नेतरहाट के तर्ज पर खुले बिहार के एकमात्र सिमुलतला आवासीय विद्यालय के उन बच्चों को भी काफी पीछे छोड़ दिया, जिनका मैट्रिक के साथ-साथ इंटर परीक्षा के रिजल्ट में भी टाॅप-10 में कब्जा रहता था.
इंटर की पढ़ाई पटना के कई बड़े व नामचीन कॉलेजों में होती है, लेकिन टॉपर देने में ये सभी कॉलेज फेल हो जाते हैं. केवल कॉमर्स टॉपर में हमेशा से कॉलेज ऑफ कॉमर्स या बीडी कॉलेज के छात्र रहते हैं, बाकि साइंस व आर्ट्स स्ट्रीम में पटना के नामचीन कॉलेजों के बच्चे स्टेट टॉपर में स्थान नहीं बना पा रहे हैं. एएन कॉलेज, कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस, जेडी वीमेंस कॉलेज, श्रीअरविंद महिला कॉलेज, गंगा देवी महिला कॉलेज व आरकेडी कॉलेज के साथ-साथ पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों आर्ट्स, साइंस व कॉमर्स टॉपर देने में लगातार फेल हो रहे हैं.
इस बार साइंस में आर लाल कॉलेज खगड़िया की आयुषी (Ayushi Nandan) टॉपर रही है, जबकि आर्ट्स में उच्च माध्यमिक विद्यालय, बायसी, पूर्णिया की मोहद्देसा (Mohaddesa) टॉपर रही है. वहीं, कॉमर्स में एस सिन्हा कॉलेज, औरंगाबाद की सौम्या शर्मा (Somya Sharma) व रजनीश कुमार पाठक टॉपर रहे हैं. इस बार कॉलेज ऑफ कॉमर्स की पूजा कुमारी को पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है.
ग्रामीण इलाकों के बच्चों और अभिभावकों में शिक्षा को लेकर समझ हुई विकसित:
इस ट्रेंड को लेकर समाजशास्त्री व शिक्षाविदों में भी सुखद आश्चर्य है. कई शिक्षाविदोें ने कहा कि छोटे और ग्रामीण इलाकों के बच्चों और अभिभावकों में भी शिक्षा को लेकर समझ विकसित हो रही है. यह उसी का परिणाम है. बड़े और अच्छे शहरों में पढ़ने वाले लोगों को पढ़ाई के अलावा भी कई रास्ते नजर आते हैं. लेकिन, छोटे शहरों और बिना सुविधाओं के जीवन जीने वाले लोगों के पास शिक्षा के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता.
पटना विश्वविद्यालय के पूर्व साइंस डीन प्रो अमरेंद्र मिश्रा ने कहा कि पटना के साथ-साथ अन्य सुविधा संपन्न जिलों में सरकारी विद्यालय या कॉलेजों में सरकार का हस्तक्षेप ज्यादा होता है. इसका असर रिजल्ट पर भी पढ़ता है. शहरों में अच्छे शिक्षकों की कमी और छात्र-छात्राओं में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी की कमी भी है. रिजल्ट पर इसका असर पड़ता है. समाजशास्त्री डॉ रुपम कहती हैं कि शिक्षा गांवों में सफल है. बेहतर शिक्षा के लिए एक विस्तारित पहुंच गांवों तक बनाता जा रहा है.