पटना. नीति आयोग द्वारा घोषित देश के 112 आकांक्षी जिलों में राज्य के 13 जिले पीने के पानी पहुंचाने में अव्वल घोषित हुए हैं. इनमें अररिया, औरंगाबाद ,बांका ,बेगूसराय ,गया, ,जमुई,कटिहार, खगड़िया ,मुजफ्फरपुर ,नवादा ,पूर्णिया ,शेखपुरा और सीतामढ़ी के नाम हैं. हर घर नल का जल के काम की सफलता की चर्चा अब सभी मंचों पर हो रही है.
बिहार सरकार द्वारा साल 2016 में किये गये हर घर नल का जल के काम को केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन के नाम से शुरू किया. हाल ही में देशभर में सबसे पिछड़े जिलों के जिला पदाधिकारियों के सम्मेलन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार 13 आकांक्षी जिलों में 90 प्रतिशत से अधिक परिवारों को उनके घर में शुद्ध जलापूर्ति को सराहा है.
उन्होंने बेगूसराय व जमुई की चर्चा करते हुए कहा कि यहां सभी को नल का जल मिल रहा है. जो वहां के लोगों के लिए अच्छी बात है. वहीं, पीएचइडी के माध्यम से नल का जल योजना को राज्यभर में 100 प्रतिशत करने के लिए लगातार काम हो रहा है. मार्च तक लक्ष्य को पूरा करने का दिशा निर्देश अधिकारियों को दिया गया है.
नीति आयोग ने देश के 112 जिलों को विकास के विभिन्न मानकों पर पीछे मानते हुए आकांक्षी जिलों के रूप चिह्नित किया. वहीं, संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में विशेष सहयोग प्रदान करने की योजना की शुरुआत जनवरी 2018 में की थी.
कुल 49 मापदंडों पर इन जिलों का नियमित आकलन करते हुए यहां विकास की रफ्तार को आगे बढ़ाने का काम किया. इन लक्ष्यों में नल का जल एक प्रमुख अंग है और बिहार के सभी 13 जिलों ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. राज्य सरकार की योजना हर घर नल का जल से सभी 13 जिलों में 90 प्रतिशत से अधिक परिवारों तक साफ पानी मिल रहा है.